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पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज – लक्षण और घरेलू उपचार

पित्ताशय हमारे शरीर का छोटा सा अंग होता है, जो गुर्दे के नीचे वाली सतह पर होता है। इसमें जब कोलेस्ट्रोल जमने लगता है या फिर सख्त होने लगता है, तो हमें अक्सर पथरी की शिकायत हो जाती है। ऐसे में रोगी को असहनीय दर्द का सामान करना पड़ना है और साथ में खाना पचने में भी दिक्कत आने लगती है।

पित्त की पथरी के लक्षण
जब भी छोटे-छोटे कण रोगी के पित्ताशय में पड़ते है तो उस समय कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देते। लेकिन जब यह धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं और पथरी का रूप धारण कर लेते हैं। यह पित्ताशय से निकल कर पित्त नलिका में आ जाते हैं और यहां आकर फंस जाते हैं। ऐसे में हमें तीव्रता से दर्द होने लगती है। पित्त की पथरी के सामान्य लक्षण इस प्रकार से होते हैं…

1. पेट के समीप पीठ में बहुत जोर का दर्द होना
2. बुखार आना, कंपकंपी होना
3. पसीना आना
4. गैस होना
5. चक्कर आना
6. जी मचलना या उल्टी आना
7. अधिक वजन होना
8. त्वचा या आंखों का सफेद या पीला होना आदि।

पित्त की पथरी के कारण
पित्ताशय की पथरी का होने के कई कारण हो सकते है जैसे कि :-

1. खाने में दिक्कत होना जो कार्बोहाइड्रेट लेने से होती है
2. वसा युक्त भोजन खाने से
3. कच्चे चावल, मिट्टी, चाक,आदि का सेवन करना
4. उच्च कौलोरी युक्त भोजन करना
5. मोटापा होना
6. आहार में विटामिन सी की कम मात्रा लेना आदि।

पित्ताशय की पथरी का उपचार
आप ने अक्सर इस बारे में सुना होगा कि पित्त की पथरी को दूर करने के लिए इसका ऑपरेशन करवाना बहुत ही जरूरी है, लेकिन जब हम ऑपरेशन से पहले घरेलू उपाय अपनाते हैं तो संभव है कि पथरी गल जाए और हमारे पाचन को दुरुस्त करके दर्द भी ठीक हो जाये। आइए जानते हैं उन घरेलू नुस्खो के बारे में जिनसे पथरी से राहत मिलती है।

सेब का जूस और सिरका
सेब बहुत ही गुणकारी फल होता है, इसमें पित्त की पथरी को गलाने वाले गुण भी पाए जाते हैं, लेकिन इसका असर तब अधिक होता है जब हम इसे सेब के सिरके के साथ लेते हैं। क्योंकि सेब के सिरका लीवर में कोलेस्ट्रोल को नहीं बनने देता, जो शरीर में पथरी बनने के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसके लिए एक गिलास सेब के जूस में एक चम्मच सिरका मिलाकर दिन में दो बार लेने से पित्त की पथरी में लाभ होता है।

नाशपाती का जूस
नाशपाती के आकार की पित्त की थैली की पथरी को नाशपाती के द्वारा ठीक किया जा सकता है। नाशपाती में गुणों की खान होती है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होते हैं। पित्त की पथरी को दूर करने के लिए एक गिलास गर्म पानी, एक गिलास नाशपाती का जूस, और दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार पीने से पथरी को दूर किया जा सकता है।

चुकन्दर, खीरा और गाजर का जूस
एक चुकन्दर, एक खीरा और चार गाजर लेकर जूस तैयार करें और दिन में दो बार सेवन करने से राहत मिलती है। क्योंकि चुकन्दर से शरीर को मजबूती के साथ-साथ लीवर के कोलोन को भी साफ़ करता है। खीरा में मौजूद अधिक पानी की मात्रा होती है और गाजर में विटामिन सी के साथ उच्च पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए गुणकारी होते हैं।

पुदीना
पुदीने को पाचन के लिए सबसे अच्छी औषधीय के रूप में माना जाता है। इसलिए यह पथरी को गलाने में भी सहायक होते हैं। इसके लिए पानी में पुदीने की पत्तियों को उबालें और जब आधा रह जाए तो इसे छानकर इसमें शहद मिला कर पी लें।

खान पान और दिनचर्या में बदलाव
पित्त की पथरी से राहत पाने के लिए सबसे पहले अपने खान पान की तरफ ध्यान दें। हर रोज दिन में आठ से दस गिलास पानी का सेवन करें और वसायुक्त भोजन के साथ-साथ तेज मसाले वाला खाना खाने से बचें। इसके साथ ही दिन में दो बार कॉफी का सेवन आवश्य करें और विटामिन सी की मात्रा को अपने खाने में बढ़ाएं। जितना हो सकें विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करें और इसके साथ ही हल्दी, सौंठ, काली मिर्च और हींग को अपने खाने में अवश्य शामिल करें।

पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज – लक्षण और घरेलू उपचार पित्त की पथरी का आयुर्वेदिक इलाज – लक्षण और घरेलू उपचार Reviewed by Unknown on 9:36 PM Rating: 5

1 comment:

  1. Thanks for sharing your post. Nowadays stone is a big problem among people. It may be in kidney or pitha. We have very useful treatment for kidney stone.visit http://www.hashmidawakhana.org/natural-treatment-for-kidney-stones.html

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