1.चिलगोजा में ओइलिक एसिड मोनेा असंतृप्त वसा अम्ल को अच्छा स्त्रोत है जो रक्त में एच डी एल (अच्छा कोलेस्ट्रॅाल ) के स्तर को बढ़ाने और एल डी एल (खराब कोलेस्ट्रॅाल) के स्तर को कम करने में मदद करता है । जिससे कोरोनरी धमरी की बीमारियों को रोकने, स्ट्रोक, दिल का दौरा ओर कोनोनरी धमनियों को सख्त होने से तथा स्वस्थ्य रक्त प्रोफाइल बनाए रखने में सहायता करता है ।
2. चिलगोजे में विटामिन ई बहुतायत से पाया जाता है जो शक्तिशाली एंटीआॅक्सीडेंट होने के कारण हानिकारक आॅक्सीजन मुक्त कणों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है
3. चिलगोजे में विटामिन बी काॅम्लेक्स, नियासिन, राइबोलेविन और थायमिन अधिक होने की वजह से हारमोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है, लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता जिससे तनाव और चिंता कम कर , अच्छा मूड बनाने में मदद करता है ।
4. चिलगोजे में मौजूद एंटीआॅक्सीडेंट मुक्त कण को बेअसर करके कैंसर और हृदय रोग होने से बचाते हैं ।
5. चिलगोजा वजन घटाने के लिए सर्वश्रेष्ठ, चिलगोजा में पीनोलेईक एसिड होता है जो भूख महसूस करने पर अंकुश लगाता है जिससे ऐसा महसूस होता है कि पेट भरा हुआ है जो कि एक हार्मोन के द्वारा संपादित होता है और व.जन घटाने में बहुत मदद करता है ।
6. चिलगोजे में खनिज मैग्नीशियम की मात्रा बहुतायत में पायी जाती है जो तंत्रिका और मांसपेशी के कामकाज के लिए ऊर्जा जो कि शर्करा के रूप के लिए आवश्यक है, साथ ही यह प्रतिरक्षा प्रणाली को सुदृड़ करने में मददगार है ।
7. चिलगोजे में कैल्शियम हड्डियों को मजबूत, दांतों को स्वस्थ्य, हृदय और तंत्रिका तंत्र, एवं मांसपेशियों की कार्य क्षमता बढ़ाता है ।
8. चिलगोजे में मौजूद आयरन एनीमिया होने से रोकता है तथा लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण एवं कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक है।
9. चिलगोजे में मौजूद पोटेशियम खनिज लवण रक्तचाप को नियंत्रित करने तथा दिल की धड़कन की दर को एक सा बनाए रखने में मदद करता है ।
10. चिलगोजा में फोलेट स्वस्थ्य गर्भावस्था एवं दुग्ध उत्पादन में सहायक है । चिलगोजा का तेल की मीठी सुगंध तथा नाजुक स्वाद होता है, इसे औषधीय के रूप उपयोग किया जाता है ।
11. चिलगोजा खाने से व्यक्ति के शरीर में चुस्ती और फुर्ती के साथ ही साथ अधिक ताकत भी आती है। तथा नपुंसकता दूर होती है !
Reviewed by Unknown
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9:24 PM
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