निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जिससे समय-समय पर लोग बीमार होते रहते हैं। दैनिक जीवन में भी लोग इस बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। वैसे तो यह बीमारी किसी भी मौसम में किसी भी वक्त हो सकता है लेकिन बारिश के मौसम में इस बीमारी का खतरा और अधिक बढ़ जाता है और निमोनिया के लक्षण देखने को मिलते है। दरअसल बारिश और सर्दियों के मौसम के साथ ही मौसम परिवर्तन के दौर में निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे मौसम में संक्रमण ज्यादा फैलते हैं। गंदगी से एलर्जी भी जल्दी होती है। बैक्टिरिया, वायरस और दूसरे इंफेक्शन बच्चों और बुढ़ों को अपनी चपेट में जल्दी ले लेते हैं।
वैसे जिन बच्चों, बुजुर्गों और युवाओं को अस्थमा और फेफड़े से संबंधित बीमारी हो उन्हें निमोनिया की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। एक खबर के मुताबिक देश में करीब 4.30 करोड़ लोग निमोनिया से पीड़ित हैं, जिसकी रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक है।
ज्यादातर निमोनिया की बीमारी 2 से 3 हफ्तों में ठीक हो जाता है लेकिन बुजुर्गों और बच्चों में यह बीमारी जल्दी ठीक नहीं होती। उन्हें ठीक होने के लिए जरूरी चिकित्सा की जरूरत होती है। निमोनिया तब एक बीमारी की शक्ल लेता है जब सांस के जरिए आपके फेफड़े में रोगाणु पहुंचने लगते हैं। इसके बाद आपको कोल्ड और फ्लू होने लगता है। इस बीमारी में आपके फेफड़े संक्रमण से दो-दो हाथ करते हैं।
निमोनिया के लक्षण
डायरिया
जब भी लगातार पतला दस्त आए या फिर उल्टी आए तो उसे हम डायरिया कहते हैं। डायरिया हमें वायरल, बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है, लेकिन इसका सबसे मुख्य कारण हमारा गलत तरीके से खानपान, प्रदूषित पानी और हमारी आंतो में गड़बड़ी डायरिया जैसी बीमारी को जन्म देते हैं। लेकिन यह निमोनिया के भी लक्षण है।
कफ
कफ और कोल्ड एक ऐसी बीमारी है जो किसी भी मौसम में हो सकती है। निमोनिया होने पर आपके फेफड़े से बलगम निकलने लगता है, इसलिए यह भी निमोनिया के लक्षण हैं।
बुखार
निमोनिया की समस्या होने पर बच्चों को तेज ठंड के साथ बुखार भी आता है। लगभग 100 डिग्री फारेनहाइट से ज्यादा। बड़े उम्र के लोगों में बुखार की तीव्रता कम होती है।
पसीना आना
निमोनिया बीमारी से ग्रसित व्यक्ति में संक्रमण बढ़ने साथ अधिकतर लोगों को ठंड के साथ, तेज बुखार और पसीना भी आने लगता है।
सांस में तकलीफ
निमोनिया होने पर इसमें सांसे से तेजी से चलने लगती है। आपको बता दें निमोनिया एक इन्फ्लैमटोरी बीमारी है जिसके रोगाणु सबसे पहले फेफड़ों के वायु छिद्रों पर अटैक करते हैं और जब इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है तो यह नाक और गले से गुजरने वाली हवा को प्रभावित करने लगते हैं जिससे सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ होने लगती है।
कमजोरी महसूस करना
निमोनिया होने पर एक लक्षण यह भी होता है कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थका हुआ और कमजोर महसूस करता है। इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन की कमी भी हो जाती है।
शरीर में इफेक्शन
शरीर में इफेक्शन ज्यादा बढ़ जाने पर लगातार खांसी आने लगती है और ज्यादा खांसने के कारण आपको सीने में दर्द का अनुभव होने लगता है।
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