80 %पित्त की थैली की पथरी कोलेस्ट्रॉल के जमने या सख्त होने के कारण होती है। पित्त की थैली में पथरी होने के बारे में यही कहा जाता है कि बिना ऑपरेशन के इसे निकालना मुश्किल है।ऐसे में यदि आपको गॉल ब्लेडर स्टोन की शिकायत है तो जाहिर है आपने भी ऑपरेशन का विचार बनाया होगा, लेकिन ऑपरेशन से पहले कुछ घरेलू उपाय अपनाकर देखें
1. सेब जूस और सेब का सिरका - सेब में पित्त की पथरी को गलाने का गुण होता है, लेकिन इसे जूस के रूप में सेब के सिरके के साथ लेने पर यह ज्यादा असरकारी होता है। सेब में मौजूद मैलिक एसिड पथरी को गलाने में मदद करता है तथा सेब का सिरका लिवर में कोलेस्ट्रॉल नहीं बनने देता, जो पथरी बनने के लिए जिम्मेदार होता है। यह घोल न केवल पथरी को गलाता है बल्कि दोबारा बनने से भी रोकता है और दर्द से भी राहत देता है। उपचार के लिए- एक गिलास सेब के जूस में, एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं इस जूस को रोजाना दिन भर में दो बार पीएं।
2. नाशपाती जूस- नाशपाती के आकार की पित्त की थैली को नाशपाती द्वारा ही साफ किया जाना संभव है। नाशपाती में मौजूद पैक्टिन कोलेस्ट्रॉल को बनने और जमने से रोकता है। यूं भी नाशपाती गुणों की खान है जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
उपचार- एक गिलास गरम पानी में, एक गिलास नाशपाती का जूस और दो चम्मच शहद मिलाकर पीएं। इस जूस को एक दिन में तीन बार पीना चाहिए।
3. चुकंदर, खीरा और गाजर का जूस - जूस थेरेपी को पित्त की थैली के इलाज के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। चुकंदर न केवल शरीर का मजबूती देता है बल्कि गॉल ब्लेडर को साफ भी करता है साथ ही लिवर के कोलोन को भी साफ करता है। खीरा में मौजूद ज्यादा पानी की मात्रा लिवर और गॉल ब्लेडर दोनों को डिटॉक्सीफाई करती है। गाजर में भी विटामिन सी और उच्च पोषक तत्व होने के कारण यही गुण होते हैं। उपचार- एक चुकंदर, एक खीरा और चार गाजर को लेकर जूस तैयार करें। इस जूस को प्रतिदिन दो बार पीना है। जूस में प्रत्येक सामग्री की मात्रा बराबर होनी चाहिए, इसलिए सब्जी या फल के साइज के हिसाब से मात्रा घटाई या बढ़ाई जा सकती है।
4. पुदीना (Mint)- पुदीना को पाचन के लिए सबसे अच्छी घरेलू औषधि माना जाता है जो पित्त वाहिका तथा पाचन से संबंधित अन्य रसों को बढ़ाता है। पुदीना में तारपीन भी होता है
Reviewed by Unknown
on
9:12 PM
Rating:
No comments: