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चोट और उपचार

चोट लगने और खून बहने पर इस बात की तत्काल व्यवस्था करनी चाहिए कि खून अधिक मात्रा में न बहने पाए| इसके लिए तुरंत खून रोकने का उपाय करना चाहिए| साथ ही विषक्रमण न होने पाए, इसका भी ध्यान रखना चाहिए|
कारण

चोट अचानक ही किसी घटना के कारण लग जाती है| चोट लगने पर सूजन आ जाती है तथा अंग विशेष से खून निकलने लगता है| खून का अधिक मात्रा में निकल जाना शरीर के लिए हानिकारक है| इसलिए चोट लगने पर यदि कोई अंग छिल जाए तो खून रोकने के उपाय जल्दी करना चाहिए| शुरू में अंगूठे से दबाकर खून रोका जा सकता है|
पहचान

बंद चोट में सूजन आ जाती है, लेकिन खुली चोट में खून बहने लगता है| चोट किसी भी प्रकार की हो, वह तकलीफदेय होती है| रोगी को बेचैनी हो जाती है तथा चोट में दर्द होता है| सूजन आने पर लपकन पड़ती है| इसलिए नुस्खों द्वारा सबसे पहले प्राथमिक उपचार करना चाहिए ताकि चोट में धूल-मिट्टी और कीटाणु न भरने पाएं|
नुस्खे

किसी अंग पर चोट लगने या कुचल जाने की हालत में अदरक को पानी में घिसकर तथा गरम करके लगाना चाहिए|
नमक या सेंधा नमक के पानी में कपड़ा भिगोकर चोट को सेंकें|
चोट पर अजवायन पीसकर लगाएं तथा ऊपर से पट्टी बांध दें|
कट जाने पर अरहर के सूखे पत्तों को पीसकर लगाएं|
भीतरी चोट लगने पर एरंड के पत्ते पर सरसों का तेल लगाएं| फिर उसे आग में सेंककर चोट पर लगाकर पट्टी बांध दें|
यदि कटे हुए स्थान से लगातार रक्त बह रहा हो तो एक कपड़े को मिट्टी के तेल में भिगोकर चोट पर बांधें| बहता खून रुक जाएगा|
यदि खून बहना बंद न हो तो चाय की पत्ती लगाकर पत्ती बांध दें|
कटे घाव पर घी में कपूर मिलाकर लगाएं|
कटे हुए स्थान पर फिटकिरी का चूर्ण बुरक कर पट्टी बांध दें|
पिसी हुई हल्दी में थोड़ा-सा चूना मिलाकर चोट पर लगाकर बांधें|
खून बहते हुए स्थान पर गूलर का दूध लगाएं| खून बंद हो जाएगा|
घाव में शुद्ध लगाने से भी घाव भर जाता है|
दूब को पीसकर चोट पर लगाएं|
चोट लग जाने पर गेहूं के आटे पर सरसों का तेल लगाकर चोट पर रखें| ऊपर से पट्टी बांध दें|

चोट और उपचार चोट और उपचार Reviewed by Unknown on 7:54 PM Rating: 5

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