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रोग और निदान

लकवा(Paralysis)

औषधि नं-1
औषधि के लिये लहसुन बड़ी गांठ वाला जिसमें से अधिक रस निकाल सकें ले।
विधि- लहसुन की आठ कली लेकर छील लें फिर इसे बारीक चटनी की तरह पीस लें फिर गाय का दूध लेकर उबाल लें,अब थोड़ा सा दूध अलग कर लें उसमें शक्कर मिला दें,जब यह दूध हल्का गरम रह जाय तो इस दूध में लहसुन मिलाकर पी जायें,ऊपर से इच्छा अनुसार जितना चाहें दूध पियें। परंतु ध्यान रखें लहसुन कभी
खौलते दूध में न मिलावें वरना उसके गुण नष्ट हो जायेंगे। दिन में दो बार ये विधि करें। इस प्रकार दिन में दो बार इसका सेवन करें। तीन दिन तक दोनों समय लेने के बाद इसकी मात्रा बढ़ाकर9या10कलियां कर दें। एक हफ्ते बाद कम से कम20कली लहसुन लें। इसी तरह तीन बाद फिर बढ़ाकर40कली का रस दूध से लें। इसके बाद अब इनकी मात्रा घटाने का समय है जैसे-जैसे बढ़ाया वैसे-वैसे ही घटाते जाना है तीन-तीन दिन पर यानी-
पहली बार – 8कली लहसुन की लें लेत रहें
बार तीन दिन बाद- 10कली लहसुन की लें लेते रहें
बार 1सप्ताह बाद –20कली लहसुन की लें लेते रहें
बार 1सप्ताह बाद-40कली लहसुन की लें लेते रहें
इसका सेवन करने से और भी लाभ है पेशाब खुलकर होगा।
दस्त साफ होने लगेगी शरीर की चेतना शक्ति बढ़ने लगेगी तथा पक्षाघात का असर धीरे-धीरे कम होने लगेगा। अगर उच्चरक्त चाप है तो यह प्रयोग काफी कारगर सिद्ध हो सकता है।

औषधि नं-2
मोटी पोथी वाला1मोटा दाना लहसुन का लेकर छीलकर पीस लें बारीक और इसे चाट लें ऊपर से गाय का दूध हल्का गर्म चीनी डालकर पी जायें। अब दूसरे दिन2लहसुन की चटनी चाट कर दूध पी जायें। तीसरे दिन तीन लहसुन,चौथे दिन चार कली इसी तरह से ग्यारह दिन तक11लहसुन पीसकर चाटें व दूध पी जायें। अब बारहवें दिन से1-1कली लहसुन की घटाती जायें तथा सेवन की विधि वहीं होगी। एक लहसुन की संख्या आ जाने पर बंद कर दें पीना। इससे हाई ब्लड प्रेशर का असर कम होगा। पक्षाघात का प्रभाव कम होगा। सर का भारी पन ठीक होगा। नींद अच्छी आयेगी। दस्त खुलकर होगा। भूख अच्छी लगेगी। (अगर आप सामान्य तरीके से रोज लहसुन खायें तो इसका खतरा ही नहीं होगा।)

औषधि नं-3
लहसुन व शतावर-7-8कली लहसुन,शतावर का चूर्ण1तोला दोनों को खरल में डालकर घोंट लें,आधा किलो दूध में शक्कर मिलाकर लहसुन शतावर पिसा हुआ मिलाकर पी जायें इसे लेने पर हल्का सुपाच्य भोजन लें। शरीर के हर अंग का भारी पन ठीक होगा साथ पक्षाघात में फायदा होगा। इसे31दिन लगातार लें।

औषधि नं-4
लहसुन,शतावर चूर्ण,असगंध चूर्ण-1चाय का बड़ा चशतावर चूर्ण,उतनी ही मात्रा में असगंध चूर्ण दोनों चूर्ण को दूध में मिलाकर पियें साथ दोपहर के भोजन के साथ लहसुन लें। लहसुन की मात्रा धीरे-धीरे बढ़ाते जायें,रोटी,आंवला,लहसुन का प्रयोग भोजन में अवश्य करें। शरीर की मालिश भी करें इन सभी विधियों से पक्षाघात में जल्दी व सरलता से मरीज ठीक होता है।

औषधि नं-5
लहसुन छीलकर पीस लें3-4कली,फिर उसमें उतनी ही मात्रा में शहद मिला कर चाटें। धीरे-धीरे लहसुन की मात्रा बढ़ाते जायें1-1कली करके कम से कम11-11कली तक पहुंचे साथ बराबर मात्रा में शहद भी मिलाकर चाटें। साथ लहसुन का रस किसी तेल में मिलाकर उस प्रभावित हिस्से पर लेप,मालिश हल्के हाथ से करें। लहसुन के रस को थोड़ा गरम करके लगायें धीरे-धीरे काफी फायदा पहुंचेगा लहसुन से रक्त संचार ठीक तरह से होता है।

औषधि नं-6
दो पोथी पूरी मोटे दाने वाले पीसकर रस निकाल लें अब इसे चार तोला तिल के तेल या सरसों के तेल में मिलाकर पकायें,जब सिर्फ तेल रह जाये तो छानकर इस तेल से सुबह,शाम मालिश करें लकवा,वात रोग मिट जायेगा। अगर आप तिल का तेल इस्तेमाल करें ज्यादा अच्छा होगा।

औषधि नं-7
पक्षाघात के रोगी को आप लहसुन की चटनी को मख्खन के समभाग के साथ भी दे सकते हैं(लहसुन मख्खन बराबर मात्रा) में। यह सुरक्षित योग है इसे प्रातः सांय दोनों समय प्रयोग कर सकते हैं।

रोग और निदान रोग और निदान Reviewed by Unknown on 11:29 PM Rating: 5

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