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कौन कहता है ब्लड प्रेशर आयुर्वेद से कण्ट्रोल नहीं हो सकता

बड़ा दुःख होता है जब पढ़े लिखे लोग मूर्खता वाले तरीके से आयुर्वेद का मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि, अरे इन आयुर्वेदिक चटनी चूरन से कभी ब्लड प्रेशर ठीक होगा !

ऐसे ज्यादा समझदार लोगों को ना तो एलोपैथिक दवाओं की पूरी सच्चाई पता होती है ना ही आयुर्वेद की !

एलोपैथिक दवाओं में एक भी ऐसी दवा नहीं है जिसका साइड इफ़ेक्ट ना हो और ये कई बार देखा गया है कि इन दवाओं को ज्यादा मात्रा में और लम्बे समय तक खाने से लोग आई सी यू में पहुँच गए हैं या श्मशान में !

वहीँ कई लोग आयुर्वेद से इसलिए चिढ़ते हैं क्योंकि उनका पाला कभी किसी नीम हकिम से पड़ गया था जिससे उनको फायदा के बजाय नुकसान हो गया ! इसलिए ऐसे लोग हर समय आयुर्वेद को कोसते फिरते हैं !

भाई सीधी सी बात है कि कोई आदमी किसी भी चीज को गलत तरीके से करेगा तो उसको गलत रिजल्ट मिलेगा ही ! मसलन उदाहरण के तौर पर शुद्ध हींग, गैस की सभी बिमारियों में बहुत ही फायदा है पर इसे सही मात्रा में लिया जाय तो ! और हींग की सही मात्रा है क्या ? हींग को रोज खाने के सही मात्रा है 1 आदमी के लिए 1 सरसों के दाने के बराबर ! हींग की मात्रा इससे ज्यादा हुई तो इतनी ज्यादा गैस बनेगी की आदमी परेशान हो जाएगा !

दुनिया की कोई बीमारी ऐसी नहीं है जिसका आयुर्वेद में इलाज ना हो, बस जरूरत है सही जानकारी होने की !

असल में हमारे भारत देश के अति आदरणीय हिन्दू धर्म के बहुत उपयोगी आयुर्वेदिक ज्ञान का बहुत ह्रास और नाश हुआ अंग्रेजों और मुगलों के आक्रमण और शासन काल में ! जिसके वजह से आयुर्वेद के सही जानकार लोग कम ही मिलते हैं, नहीं तो एक ज़माना था की हर गाँव में कम से कम एक विद्वान वैद्य हुआ करते थे जो सिर्फ नब्ज देखकर (नाड़ी शास्त्र) शरीर की सारी बिमारिओं के बारे में तुरन्त बता देते थे जबकि आजकल के बड़े से बड़े हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर्स को किसी बीमारी को डायग्नोज़ करने के लिए दुनिया भर के महंगे टेस्ट करवाने पड़ते हैं !

भारत में आयुर्वेद के खोये हुए महान ज्ञान के पुनरुत्थान के लिए पहले की सरकारों ने तो कुछ भी ध्यान नहीं दिया पर आदरणीय मोदी जी इसे बहुत गम्भीरता से ले रहे हैं और हर भरसक प्रयास कर रहे हैं इसे सफल बनाने के लिए ! भले ही मोदी जी के उन प्रयासों को बिकाऊ और देशद्रोही न्यूज़ चैनल्स और अख़बार (मीडिया) जान बूझकर ना दिखाता हो !

आजकल 25 साल की उम्र से लेकर 40 साल की उम्र के बीच के भी अधिकांश लोगो को ब्लड प्रेशर से सम्बंधित समस्या तेजी से होती जा रही है !

यहाँ पर ऐसी दवाएं बताई जा रही है जिनका उपयोग कई ब्लड प्रेशर के मरीज सफलता पूर्वक बार बार कर चुके हैं और चूंकि ये दवाएं आयुर्वेदिक हैं इसलिए सही मात्रा में लेने पर इनका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं हैं !

तो अगर ब्लड प्रेशर लो है तो इसका रामबाण इलाज है लहसुन को नमक के साथ खाना ! इसे खाने से 10 से 15 मिनट में ही ब्लड प्रेशर नार्मल होने लगता है ! ब्लड प्रेशर ज्यादा लो हो तो 4 लहसुन की कलियाँ 1 चुटकी नमक (सामान्य सफ़ेद नमक) में मिला कर पानी के साथ के साथ लेना चाहिए और अगर ब्लड प्रेशर ज्यादा लो ना होकर सामान्य लो हो तो लहसुन की सिर्फ 2 कलियों को नमक के साथ लेने से ही आराम मिलने लगेगा ! लहसुन जितना बारीक कटा हुआ या पिसा हुआ होगा उतना जल्दी पेट में पच कर ब्लड प्रेशर ठीक करना शुरू कर देगा ! लहसुन को दांतों से कूच कर खाने में दिक्कत हो तो पानी से निगल लें, तब भी फायदा उतना ही होगा !

अगर आप का ब्लड प्रेशर अक्सर लो होता हो तो आप रोज सुबह बासी मुह लहसुन की 2 कलियों को नमक के साथ निगल लिया करें तो, आपका ब्लड प्रेशर जल्दी कभी लो होने की नौबत आयेगी ही नहीं जब तक की आप कोई बड़े तनाव, दुःख, निराशा या क्रोध की भावना से ग्रसित ना हो !

लो बी पी के मरीजों को सावधानी के तौर पर कुछ लहसुन और नमक हमेशा अपने साथ रखना चाहिए ! जब भी बी पी लो महसूस हो इसे खा लेना चाहिए। लेकिन 24 घंटे में दो बार से ज्यादा लहसुन की खुराक नहीं खाना चाहिए क्योंकि लहसुन बहुत गर्म होता है और ज्यादा लेने पर बी पी हाई हो सकता है !

हाई ब्लड प्रेशर को भी कण्ट्रोल करने के लिए प्रकृति में कई जबरदस्त फायदे मंद जड़ी बूटियाँ हैं और उन्ही जड़ी बूटियों से निर्माण करके परम आदरणीय श्री बाबा रामदेव जी ने बहुत ही फायदेमंद दवा बनाई है जिसका नाम है “मुक्ता वटी” !

इस दवा में जो मुख्य बात ध्यान देने वाली है वो यह है कि आपको ये तय करना है की आपको आपकी बीमारी की गम्भीरता के हिसाब से प्रतिदिन इस दवा की कितनी गोलियां खानी हैं ! मतलब कुछ मरीज जिनका ब्लड प्रेशर बहुत हाई रहता था उन्हें 4 – 4 गोलियां मुक्ता वटी की सुबह-शाम खाकर आराम मिलते देखा गया और मरीज जिनका ब्लड प्रेशर बहुत हाई नहीं बल्कि सामान्य हाई रहता था उन्हें सिर्फ 2- 2 गोली सुबह शाम खाकर आराम मिलते देखा गया है !

सबसे बेहतर है की किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से अपनी मुक्ता वटी की मात्रा तय कर लेना चाहिए |

हाई बी पी के क्रिटिकल केसेस में मुक्ता वटी के साथ हृदयामृत वटी भी लेने से विशेष फायदा होता है !

पर एक बात तय है की ब्लड प्रेशर हाई चाहे जिस भी कारण से हो, मुक्ता वटी की सही मात्रा खाने से आराम मिलता जरूर है !

हाई बी पी की एलोपैथिक दवा जिंदगी भर खानी होती हैं क्योंकि इससे हाई बी पी सिर्फ कुछ घंटे के लिए कण्ट्रोल होता है और इससे हाई बी पी की बीमारी हमेशा के लिए ठीक नहीं होती है ! जबकि मुक्ता वटी को लम्बे समय तक खाने से हाई बी पी को परमानेंट ठीक भी होते देखा गया है ! एलोपैथिक दवाओं के जहाँ ढेर सारे साइड इफेक्ट्स होते हैं वही मुक्ता वटी का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं बल्कि शरीर की अन्य बिमारियों को ठीक करने वाले ढेर सारे फायदे जरूर हैं !

तो ऐसे में अपनी ब्लड प्रेशर की समस्या को ठीक करने के लिए केवल एलोपैथिक दवा के भरोसे बैठना सिर्फ और सिर्फ अपने से ही अपने शरीर का सत्या नाश करना है !

(नोट – अगर आपके ब्लड प्रेशर की कोई ऐलोपैथिक दवा पहले से चल रही हो तो आप एकदम से उस दवा को ना छोड़े, बल्कि इन आयुर्वेदिक दवाओं को उस ऐलोपैथिक दवा के साथ चिकित्सक के परामर्श के अनुसार शुरू करें और जैसे जैसे फायदा मिलता जाय वैसे वैसे उस ऐलोपैथिक दवा की मात्रा और पॉवर चिकित्सक के परामर्श अनुसार कम करते जाय……और ब्लड प्रेशर की समयाओं से बचने के लिए अपनी भावनाओं पर नियंत्रण बहुत जरूरी है ! जहाँ हँसना दवा की तरह तुरन्त और बहुत फायदा है वहीँ नकारात्मक सोच जैसे गुस्सा, दुःख, निराशा, हीन भावना, ब्लड प्रेशर पर बुरा असर डालते हैं……हाई बी पी के मरीजों का नमक और तेल घी का सेवन कम करना चाहिए)

कौन कहता है ब्लड प्रेशर आयुर्वेद से कण्ट्रोल नहीं हो सकता कौन कहता है ब्लड प्रेशर आयुर्वेद से कण्ट्रोल नहीं हो सकता
Reviewed by Unknown on 8:55 PM Rating: 5

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