शरीर में उष्णता या खुश्की बढ़ जाने से, नंगे पैर चलने-फिरने से, खून की कमी से, तेज गर्मी अथवा तेज ठंड के प्रभाव से तथा धूल-मिट्टी आदि के प्रभाव से पैर की एड़ियां फट जाती हैं.यदि इनकी देखभाल न की जाए तो ये बहुत ज्यादा फट जाती हैं, बहुत दर्द करती हैं, और इनसे खून भी आने लगता है.
नमक और तेल -पसीने से तर पैर और अधिक देखभाल के रूप में वे फंगल संक्रमण और अन्य जमी हुई मल और गंदगी के संचय के कारण विकारों से ग्रस्त हैं की जरूरत है। फिर, एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है कि आप घर पर कर सकते हैं, समुद्री नमक के आधा कप ले लो और इसे करने के लिए खनिज तेल जोड़ें। अच्छी तरह मिक्स और धीरे अपने पैर रगडें।
अमचूर को खाने के तेल में तलकर ठंडा करें. अब इसे छानकर इस तेल की 50 ग्राम मात्रा, मोम 20 ग्राम, सत्यानाशी के बीजों का पाऊडर 10 ग्राम और शुद्ध घी 25 ग्राम. इन सबको अच्छी तरह शीशी में भर लें. सोते समय पैरों को साफ-धो-पौंछकर यह दवा बिवाई में भर दें और ऊपर से मोजे पहनकर सो जाएँ. कुछ ही दिनों में बिवाई दूर हो जाएगी व तलवों की त्वचा साफ, चिकनी एवं साफ हो जाएगी.
गुनगुने पानी में दो चम्मच नमक डालकर उस पानी में 10-15 मिनट दोनों पैरों को डालकर बैठें तत्पश्चात तलवों को किसी तौलिए से रगड़कर पोंछ लेना चाहिए। ऐसा करने से तलुवों का मैल निकल जायेगा। इसके बाद एड़ियों और तलवों पर सरसों का तेल मलकर सूती जुराबें पहन लेनी चाहिए। इस प्रकार से उपचार करने से फटी हुई एड़ियां कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती हैं।
त्रिफला चूर्ण को खाने के तेल में तलकर मल्हम जैसा गाढ़ा कर लें. इसे सोते समय बिवाइयों में लगाने से थोड़े ही दिनों में बिवाइयाँ दूर हो जाती हैं.
रात्रि सोने से पहले ग्लिसरीन, गुलाबजल और जैतून के तेल को समभाग एकसाथ मिला लें। फिर इस तेल से तलुवों तथा एड़ियों की मालिश करें। ऐसा प्रतिदिन करने से यह रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।
चावल को पीसकर नारियल में छेद करके भर दें और छेद बन्द करके रख दें। 10-15 दिन में चावल सड़ जाएगा, अब इस चावल को पीसकर काँच की शीशी में रख लें. रोज रात को इस पेस्ट को बिवाइयों में भरकर सो जाया करें.
हरी मुलायम घास और नीम के 10 से 12 पत्ते पीसकर पूरी पगतली में अच्छी तरह से लगाकर आधे घंटे बाद धो लें। इससे एड़िया जल्दी ही ठीक हो जाती है।
फटी हुई एड़ियों को साबुन, राख, मिट्टी तथा कीचड़ आदि से बचाकर रखना चाहिए।
सप्ताह में एक बार नींबू का रस मिले हुए पानी से अपने पैरों को धोना चाहिए।
बरगद का दूध फटी हुई एड़ियों पर लगाने से बहुत अधिक लाभ मिलता है
गुड़, गुग्गल, राल, सैंधा-नमक, शहद, सरसों, मुलहटी व घी सब 10-10 ग्राम लें. घी व शहद को छोड़कर सब द्रव्यों को कूटकर महीन चूर्ण कर लें. अब इसमें घी व
शहद मिलाकर मल्हम बना लें. इस मल्हम को रोज रात को बिवाइयों पर लगाने से ये कुछ ही दिन में ठीक हो जाती हैं.
रात को सोते समय सीधे चित्त लेट जाएँ. हाथ की उँगली लगभग डेढ़ इंच सरसों के तेल में भिगोकर नाभि में लगाकर रगड़ते हुए तब तक मालिश करते रहें जब तक कि तेल नाभि में जज्ब न हो जाए, तेल सूख न जाए.
सिर्फ एक सप्ताह के प्रयोग से बिवाइयाँ ठीक हो जाती हैं और एड़ियां साफ, चिकनी व मुलायम हो जाती हैं तथा एडियों पर कुछ भी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है.
फटी हुई एड़ियों पर पिसी हुई मेहंदी लगाने से एड़ियां जल्दी ठीक हो जाती हैं।
सरसों के तेल में मोम मिलाकर फटी हुई एड़ियों पर लगाने से एड़िया जल्दी ठीक हो जाती है।
फटी हुई एड़ियों पर प्रतिदिन घी लगाने से एड़ियां जल्दी ठीक हो जाती हैं।
पानी में शलगम के टुकड़ों को डालकर उबाल लें। इसके बाद इस पानी से फटी हुई एड़ियों को धोने से फटी हुई एड़ियां ठीक हो जाती हैं।
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