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जानिए कैसे गले से शुरू होती हैं अस्थमा और दिल की बीमारी

ऑफिस में कंप्‍यूटर के सामने लगातार एक ही पॉश्‍चर में बैठकर काम करना, दिनभर स्‍मार्टफोन पर चैटिंग करना, अपनी औकात से अधिक वजन उठाना, सही तरीके ना बैठना और गलत तरीके से खड़े रहना, हमारे शरीर की तंत्रिकाओं के खिंचाव का करण बनते हैं जोकि 96 प्रतिशत बीमारी को बढ़ावा देती है। इनमें दिल की बीमारी और अस्‍थमा जैसी बीमारियां भी शामिल है। यही नहीं स्‍कूल में पढ़ने वाले बच्‍चे जब भारी बैग कंधे पर उठाकर स्‍कूल जाते हैं तो उस समय भी तंत्रिकाओं के प्रभावित होने का खतरा रहता है।

दरअसल, रीढ़ की हड्डियों में पाए जाने वाले चार नेचुरल कर्व में से यदि कोई भी अपनी जगह से इधर-उधर होता है तो इसका सीधा असर स्‍पाइनल डिस्‍क‍ नर्व और टीशू पर पड़ता है। इनमें सबसे महत्‍वपूर्ण कर्व सर्वाइकल कर्व होता है। अगर इसका जरा सा भी संतुलन बिगड़ता है तो हमारी रीढ़ की मजबूती 50 प्रतिशत तक कमजोर हो जाती है। पीठ और गर्दन की मशल्‍स को अत्‍यधिक काम करना पड़ता है जिससे तंत्रिकाओं में खिंचाव उत्‍पन्‍न होता है। सर्वाइकल कर्व को अर्क ऑफ लाइफ भी कहा जाता है। क्‍यों कि यह दिमाग की स्‍टेम को दुरूस्‍त रखती है। साथ ही शरीर के सभी अंगों तक जाने वाली तंत्रिकाओं को भी संभालती है। सर्वाइकल अर्क के बिगड़ने से रीढ़ की ह‍ड्डियों की तंत्रिकाओं में खिंचाव उत्‍पन्‍न होता है, जिससे तंत्रिका चालकता प्रभावित होती है। एक रिसर्च के मुताबिक, युवाओं में इस प्रकार की बढ़ती संख्‍या को देखते हुए इसे टेक्‍स्‍ट नेक का नाम दिया है। क्‍योकि इसका कारण हाथों से नियंत्रित की जाने वाली वस्‍तुओं का अधिक प्रयोग है। जैसे कंप्‍यूटर और मोबाइल का इस्‍तेमाल करना। सीधे तन कर बैठे रहने से (फॉरवर्ड हेड पॉश्‍चर) दर्द, अस्‍थमा, थकान, डिस्‍क की समस्‍या, जोड़ों का दर्द, सर दर्द जैसी समस्‍याएं आने लगती है। इसके अलावा कलाईयों का दर्द का खतरा बढ़ जाता है।

कैसे रहें स्‍वस्‍थ
90 प्रतिशत पोषक तत्‍व और उत्‍तेजना दिमाग को स्‍पाइनल कॉर्ड से मिलती है जबकि 10 प्रतिशत एनर्जी दिमाग की सोचने और उपापचय की क्रिया में खर्च होती है। फॉरवर्ड हेड पॉश्‍चर से फेफड़े की क्षमता भी घटती है। ऑक्‍सीजन की कमी से गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल सिस्‍टम भी प्रभावित होता है। इससे जहां दर्द नही हो रहा होता है वहां भी दर्द होने लगता है। कर्व की सही देखभाल आपकी स्‍पाइनल प्रॉब्‍लम में सुधार ला सकती है। इसके साथ ही आपको आपके काम करने की आदतों में भी सुधार करना होगा जिससे आपका स्‍वास्‍थ्‍य बना रहे और आप बेहतर जिंदगी जी सकें।

जानिए कैसे गले से शुरू होती हैं अस्थमा और दिल की बीमारी जानिए कैसे गले से शुरू होती हैं अस्थमा और दिल की बीमारी Reviewed by Unknown on 1:11 PM Rating: 5

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