दुनिया भर में मशहूर फल नींबू के कई फायदे हैं पर क्या आप जानते हैं कि स्वस्थ जीवन के साथ-साथ ये कैंसर के उपचार में भी लाभदायक साबित हुआ है। अध्ययन के मुताबिक नींबू में लीमोनॉइड्स फाइटोकेमिकल्स होते है जिनमें कैंसर रोधी गुण मौजूद होते हैं।
इस बात की पुष्टि औषधि निर्माताओं ने भी की है। नींबू में 12 प्रकार के कैंसर से लड़ने की क्षमता है। कीमोथेरेपी और नारकोटिक प्रोडक्ट की तुलना में नींबू हजार गुणा बेहतर और असरदार पाया गया है और अगर नींबू के साथ बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जाए तो ये मिश्रण कैंसर के सेल्स पर शक्तिशाली तौर पर असर करता है।
यह पाया गया है कि सोडियम बाई-कॉर्बोनेट (बेकिंग सोडा) ट्यूमर और उसके आसपास की जगह को अल्क्लाइज करता है और मेटास्टेटिस (एक अंग से दूसरे अंग में फैलने) को बढ़ने से रोकता है।
एसीडिक इंवॉयरमेंट और कैंसर सेल ग्रोथ के बीच के संबंध का वर्णन पहली बार डॉ ओट्टो वॉरवर्ग ने किया था। 1931 में डॉ वॉरवर्ग को फिजियोलॉजी नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कैंसर विकल्प फाउंडेशन के अनुसार अल्कलाइजिंग और पीएच थेरेपी अगर ठीक से किया जाए तो 80% की दर से सफलता आंकी गई है।
यदि नींबू और बेकिंग सोडा का मिश्रण भोजन के साथ लिया जाए तो पेट में एसिड का प्रभाव कम हो सकता है और पाचनक्रिया भी ठीक रहेगा। अच्छे परिणम के लिए आप ऑर्गेनिक नींबू का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि ये केमिकल फर्टिलाइजर से मुक्त होते हैं।
मिश्रण कैसे तैयार करें?
1 छोटा चम्मच बेकिंग सोडा
1 नींबू का रस
240ml उबालकर ठण्डा किया हुआ पानी
इस्तेमाल कैसे करें?
इन तीनों को मिलाकर मिश्रण बनाएं और एक दिन में 3 बार पिएं। बेहतर परिणम के लिए अपने आहार में 80% ताजा सब्जियों और फलों का सेवन करें, इससे शरीर में pH लेवल बैलेंस्ड रहेगा।
जरूरी बातें
नींबू औऱ बेकिंग सोडा के इस्तेमाल पर कोई खास रिसर्च नहीं हुई है पर इनके इस्तेमाल से बेहतर परिणाम मिले हैं। इसलिए कैंसर के इलाज में इसके इस्तेमाल को बढ़ावा मिल रहा हैं। साथ ही कोई साइड इफेक्ट न होने के कारण भी आप इसे कैंसर रोगियों पर बेहिचक प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि इसके मिश्रण की मात्रा वैज्ञानिक तौर पर तय नहीं की गई है और ना ही नींबू और बेकिंग सोडा की मात्रा तय है इसलिए हर रोगी पर इसका अलग-अलग प्रभाव हो सकता है।
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