आर्थरायटिस अथवा गठिया वात अथवा जोड़ो का दर्द और तकलीफ होना आदिकाल से चली आ रही बीमारी है यह मानव जाति की अति प्राचीन बीमारी है जोड़ो की तकलीफ मनुष्यों को तो होती ही है स्तन्पायी जानवरों को भी ऐसी ही तकलीफ होती है आयुर्वेद मे आर्थराइटिस बीमारी का बहुत अच्छा विवरण दिया गया है , इसके कारणों का उल्लेख भी किया गया है और इस तकलीफ से बचने के लिये क्या करना चाहिये और ऐसा जीवन शैली मे क्या बदलाव करने चाहिये , खान पान मे क्या एहतियात बरतना चाहिये आदि बातों के बारे मे बहुत ही सार गर्भित स्वरूप मे बताया गया है
इसके अलावा आयुर्वेद यह भी बताता है कि अगर arthritis अथवा arthritis जैसी बीमारी हो जाती है तो उसका उपचार करना चाहिये ताकि स्वास्थय और आरोग्य प्राप्त किया जा सके ? आयुर्वेद यह भी बताता है कि उपचार मे किस तरह की दवाओ का सेवन करना चाहिये और इलाज मे मदद और सहायता पहुचाने के लिये किस तरह की सहायक चिकित्सा यथा पन्च कर्म और मालिश और वाहरी उपयोगी उपचार की व्यवस्था किया जाये ताकि शीघ्र लाभ प्राप्त हो सके
हल्दी-चूर्ण, गुड़, मैथी दाना पाऊडर और पानी सामान मात्रा में मिलाकर, गरम करके इनका लेप, रात को घुटनों पर करें व पट्टी बाँधकर रातभर बंधे रहने दें. सुबह पट्टी हटा कर साफ कर लें. कुछ ही दिनों में जबरदस्त फायदा महसूस होने लग जाएगा
अलसी के दानों के साथ 2 अखरोट की मिगी सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है.
मैथी के लड्डू खाने से हाथ-पैर और जोड़ों के दर्दो में आराम मिलता है.
अँकुरित मैथी दाने खाएँ और उसके खाने के बाद आधे घंटे तक कुछ न खाएँ.
30 की उम्र के बाद मैथी दाने की फाँकी लेने से शरीर के जोड़ मजबूत बने रहते हैं तथा बुढ़ापे तक मधुमेह, ब्लड प्रेशर और गठिया जैसे रोगों से बचाव होता है.
मैथी दानों को तवे या कढ़ाही में गुलाबी होने तक सेकें. ठंडा होने पर पीस लें. रोज सुबह खाली पेट आधा चम्मच, एक गिलास पानी के साथ लें.
मैथी दानों को दरदरा कूटकर सर्दियों में 2 चम्मच और गर्मी में एक चम्मच की फाँकी सुबह-सुबह खाली पेट पानी के साथ लें.
नीम का तेल एवं अरंडी का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम इसकी मालिश कीजिए.
जोड़ों का दर्द उपाय
अगर कैल्शियम की कमी से जोड़ों का दर्द हो तो खाने वाला चूना खाईए. गेंहू के दाने के आकार का चूना दही या दूध में घोल कर दिन में एक बार के हिसाब से, 90 दिन तक लीजिए. ध्यान रखें 90 दिन से अधिक नहीं लेना है
अगर घुटनों की चिकनाई ख़तम हुई हो गई हो और जोड़ो के दर्द में किसी भी प्रकार की दवा से आराम ना मिलता हो तो ऐसे लोग हारसिंगार (पारिजात) पेड़ के 12 पत्तों को कूटकर 1 गिलास पानी में उबालें. जब पानी एक चौथाई बच जाए तो बिना छाने ही ठंडा करके पी लें. 90 दिन में चिकनाई पूरी तरह वापिस बन जाएगी. अगर कुछ कमी रह जाए तो 1 महीने का अंतर देकर फिर से 90 दिन तक इसी क्रम को दोहराएँ. निश्चित लाभ की प्राप्ति होती है.
गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं |चीन में सैंकडों वर्षों से गाजर का इस्तेमाल संधिवात पीड़ा के लिए किया जाता रहा है| गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है| यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है
मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करते हैं एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं| शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी| भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है| यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है
प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं दर असल प्याज में
फायटोकेमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं प्याज में पाया जाने वाला गंधक जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स की उत्पत्ति रोकता है| एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में मोरफीन की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं
गरम तेल से हल्की मालिश करना घुटनों के दर्द में बेहद उपयोगी है एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की २ कुली पीसकर डाल दें | इसे गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए| आच से उतारकर मामूली गरम हालत में इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है| इस तेल में संधिवात की सूजन दूर करने के गुण हैं| घुटनों की पीड़ा निवारण की यह असरदार चिकित्सा है
प्रतिदिन नारियल की गिरी का सेवन करें|इससे घुटनों को ताकत आती है
लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है
बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।घुटनों में दर्द को कम करने के लिए गरम या ठंडे पेड से सिकाई की जरूरत हो सकती है
घुटनों में तीव्र पीड़ा होने पर आराम की सलाह डी जाती है ताकि दर्द और सूजन कम हो सके\ फिजियो थेरपी में चिकित्सक विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने का प्रयास करते हैं
घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दाल
चीनी,जीरा,अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है| इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं
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