खाना खाने के बाद डकार आना ठीक माना जाता है। लेकिन जब यह बार-बार आने लगे तो यह एक समस्या बन सकती है जो आपको तकलीफ देती है। पेट के अंदर की गैस को बाहार निकालने का प्राकृतिक तरीका है डकार। यदि पेट के अंदर की गैस डकार के जरिए बाहार न आए तो यह कई पेरशानी पैदा करती है जैसे पेट में दर्द और पेट मे जलन आदि। यदि डकार अधिक आने लगे तो कुछ सरल उपायों को आप अजमाकर इससे तुरंत राहत पा सकते हैं। आइये जानते हैं डकार दूर करने के उपाय।
*चाय दिन की शुरुआत के लिये अच्छा संकेत है। जब आप चाय बना रहे है तो मिश्रण में पुदीने की पत्तियों को मिलायें। इसके एंटीऑक्सीडेंट पेट से निकलने वाले गैस को कम करने में सहायता देगा। खट्टी डकार का इलाज, भोजनोपरांत हर्बल चाय डकार से बचने में सहायता कर सकता है।
*दही या लस्सी- दही में मौजूद बेक्टीरिया आंतों और पेट से जुड़ी हुई हर तरह की दिक्कतों को दूर करते हैं। डकार आने पर आप लस्सी या छाछ भी पी सकते हैं।दही एक आसान घरेलू नुस्खा है और यह एक प्रभावी नुस्खा है जो आपको डकार की समस्या से बचने में मदद करता है। पेट की समस्या का उपचार करने के लिए अपने रोजाना के खानपान में दही को शामिल करें। दही में जीवित बैक्टीरिया (bacteria) होते हैं जो पेट की समस्याओं से आपको निजात दिलाते हैं और आपके पेट में अच्छे बैक्टीरिया का सृजन भी करते हैं। दही का प्रयोग दूध और दुग्ध उत्पादों के स्थान पर किया जा सकता है जो कि एक अच्छी बात है, क्योंकि दुग्ध उत्पादों से डकार में वृद्धि होती है। आपके लिए यही अच्छा होगा कि छाछ में दही को मिश्रित कर लें। छाछ का प्रयोग भी डकार आने से रोकने के लिए किया जाता है। पानी के साथ दही का मिश्रण करें और इन दोनों को अच्छे से मिलाएं। इसमें थोड़ा सा जीरा मिलाएं जिससे पेट का स्वास्थ्य बना रहेगा और डकार भी नहीं आएगी।
*पपीते में पपेन नामक महत्वपूर्ण एंज़ाइम पाया जाता है जो आपके पाचन तंत्र को अच्छी स्थिति में रखता है। यह प्राय: उन व्यक्तियों द्वारा उपभोग में लाया जाता है जो अपनी त्वचा की देखभाल करते हैं लेकिन यह पाचन और डकार को ठीक करने की एक दवा है।
बेकिंग सोडा और नींबू का प्रयोग- यदि डकार से ज्यादा ही दिक्कत बन गई हो तो आप इसको दूर करने के लिए दो गिलास पानी में एक चौथाई बेकिंग सोड़ा और एक छोटी चम्मच नींबू का रस को मिलाकर इसे अच्छे से घोलें और तुरंत इसे पी जाएं। ये उपाय थोडी ही देर में डकार को खत्म कर देगा।
*काला जीरा- अधिक या ज्यादा डकार आने पर काला जीरा का सेवन करें। क्योंकि काला जीरा पेट और पाचन तंत्र को ठीक रखता है जिससे डकार की समस्या पल भर में दूर हो जाती है।
*मेथी के हरे पत्ते उबालकर, दही में रायता बनाकर सुबह और दोपहर में खाने से खट्टी डकारे, अपच, गैस और आंव में लाभ होता है।
*सौंफ के बीजों में पेट को अकड़ से छुटकारा दिलाने वाले गुण होते हैं। यह आपके हाजमे की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है, जिससे आपको व्यर्थ की परेशानियों से गुज़रना नहीं पड़ता। तनावमुक्त रहने और रोजाना व्यायाम करने से भी मरोड़ों की समस्या हल हो जाती है। कार्मिनेटिव (Carminative) भ पेट की जमी हुई गैस को निकालने का एक बेहतरीन तरीका है। यह पेट की सूजन को दूर करने में भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक कप उबला पानी लेकर इसमें 1 चम्मच अच्छे से पिसे हुए सौंफ के बीजों का मिश्रण करें। इसे 10 से 15 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर इस मिश्रण को छान लें। इस मिश्रण का सेवन हर भोजन के पहले और बाद में करें। इससे पेट की गैस तेज़ी से बाहर निकलती है।
*दालचीनी बेहतरीन प्राकृतिक नुस्खा है। यह पेट की समस्याओं को दूर करता है और आपके हाजमे को दुरुस्त करता है। यह आपको डकार और पेट में गैस की समस्याओं से भी छुटकारा दिलाता है। अपने द्वारा बनाई जा रही सब्जियों में भुनी हुई दालचीनी अवश्य डालें। आप चावल पका लेने से पहले इसमें भी दालचीनी भी डाल सकते हैं। इससे गैस की समस्या से आपका पीछा छूटता है। वैकल्पिक तौर पर दिन में 2 से 3 बार दालचीनी चबाएं। इससे भी गैस की परेशानी से निजात प्राप्त होती है। वैकल्पिक तौर पर चाय बनाएं और इसमें थोड़ी सी दालचीनी मिलाएं। इसमें थोड़ा सा ताज़ा अदरक भी मिश्रित करें। उबलते हुए पानी में एक चम्मच सौंफ डालें। इन्हें कुछ देर तक उबलने दें। इसके बाद इसे थोड़ा सा ठंडा होने दें और हल्की गर्म अवस्था में इसे पियें। इसका सेवन दिन में कई बार करने से पेट में गैस की समस्या से छुटकारा प्राप्त होता है।
*नौसादर, कालीमिर्च, 5 ग्राम इलायची दाना, 10 ग्राम सतपोदीना पीस लें, इसे आधा ग्राम लेकर प्रतिदिन 3 बार खुराक के रूप में पानी के साथ लेने पर खट्टी डकारे, बदहजमी, प्यास का अधिक लगना, पेट में दर्द, जी मिचलाना तथा छाती में जलन आदि रोगों से छुटकारा मिलता है।
*बिजौरे नींबू की जड़, अनार की जड़ और केशर पानी में घोटकर रोगी को पिलाने से डकार और जुलाब बंद हो जाते हैं।
*हर्बल चाय- यदि आप नियमित रूप से हर्बल चाय पीते हैं तो इससे आपको अधिक डकार की समस्या नहीं आती है। हर्बल चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट पेट की गैस को कम करते हैं। इसलिए खाना खाने के बाद हर्बल चाय का सेवन कर सकते हैं।
*अजवायन और सौंफ के साथ जीरा भी आपके पेट को काफी लाभ पहुंचाता है। 2 चम्मच भुना हुआ जीरा लें और इसे एक गिलास पानी में मिश्रित करें। इसे 5 मिनट तक अच्छे से घुलने दें और इस मिश्रण को छान लें। डकार से छुटकारा पाने के लिए इस मिश्रण युक्त पानी का सेवन दिन में कई बार करें।
*धूम्रपान- यदि आप धूम्रपान करते हैं तो यह अधिक डकार का सबसे बड़ा कारण बनता है। इसलिए धूम्रपान बंद कर दें।
*पानी हमारे दैनिक जीवन में सबसे ज़रूरी वस्तु है। पानी आपके हाजमे की प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। आपको रोजाना कम से कम 8 गिलास पानी पीना ही चाहिए। इससे पेट की सूजन से छुटकारा मिलता है और पेट से अतिरिक्त गैस भी बाहर निकल जाती है। अतः सारे दिन और खाना खाने के पहले और बाद पर्याप्त मात्रा में पानी पियें। अगर आप चाहें तो अपने रोजाना के परिमाण से अधिक पानी का सेवन भी कर सकते हैं। इससे आपकी त्वचा, सुन्दरता और स्वास्थ्य में काफी निखार आता है।
*इलायची – डकार आने पर इलायची डाल कर गरमा-गरम चाय बनाएं और धीरे-धीरे कर पियें। इलायची की चाय पीने से डकार आने की समस्या से जल्द छुटकारा मिल जाता है।
*मुंह बंद करके खाना खाएं- भोजन करते समय ही आपका मुंह खुलना चाहिए। बाकी समय मुंह को बंद रखें। भोजन करते हुए जब आपका मुंह खुला रहता है तो इससे हवा पेट के अंदर जाती है जो गस की समस्या को बनाती है जिससे अधिक डकार आने लगती है। और अधिक तेजी से खाना नहीं खाना चाहिए।
*नींबू – नींबू का रस भी लगातार डकार आने की समस्या को ठीक करता है। इसलिए जब भी यह आएं तो ताजे नींबू के रस के बिना कुछ मिलाए पियें, यह बंद हो जाएंगी।
*लौंग – लौंग एक प्राकृतिक हर्ब है, इसके सेवन से कई समस्याएं ठीक होती हैं। यह डकार आने पर भी फायदा करती है, तो लगातार यह आने पर एक लौंग मुंह में रख कर चूसें, जल्द ही यह बंद हो जाएंगी।
*ठंडा दूध – ठंडा दूध पीने से एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है। लगातार हिचकी या डकार आने पर ठंडा दूध पीना फायदा करता है। ठंडे दूध को धीरे-धीरे कर पीने से यह आना बंद हो जाती हैं।
*खट्टे फल – खट्टे फल खाने से भोजन आराम से पच जाता है और यह समस्या भी ठीक हो जाती है। इसके लिए आप मुसम्मी, संतरा या फिर अनन्नास आदि फल खा सकते हैं।
No comments: