वातरोग-गठिया आदि : कमर का वातरोग
कमर का वातरोग
निर्गुण्डी के 20 से 50 मि.ली. रस में अरण्डी का 2 से 10 मि.ली. तेल मिलाकर पीने से कमर के दर्द में राहत मिलती है। कमर से पाँव तक शरीर को हल्के हाथ से दबाकर सेंक करना,सुप्तवज्रासन, धनुरासन, उत्तानपादासन, अर्धमत्स्यासन आदि करना भी अत्यधिक लाभदायक है। यदि बुखार न हो और भूख अच्छी लगती हो तो मालिश भी कर सकते हैं।ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
वातरोग-गठिया आदि : कमर का वातरोग
Reviewed by ritesh
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1:56 AM
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