मन और मस्तिष्क के रोग : दबाव और तनाव (Tension and pressure)
दबाव और तनाव (Tension and pressure)
परिचय:-
दबाव या तनाव रोग की वह अवस्था होती है जिससे यह पता चल जाता है कि व्यक्ति की किस विशेष परिस्थिति से तालमेल स्थापित करने की क्षमता बहुत अधिक होती है।
दबाव का स्तर कैसा भी क्यों न हो जैसे- मनोवैज्ञानिक, भावात्मक तथा
शारीरिक, इसका परिणाम प्रतिक्रिया के रूप में निकलता है, जो शरीर के लिए
हानिकारक होती है और इससे कई प्रकार के रोग व्यक्ति के शरीर में लग जाते
हैं जैसे- स्नायु संबन्धी रोग, अवसाद, पाचनतंत्र का खराब हो जाना, उच्च
रक्तचाप तथा हृदय रोग आदि।
दबाव तथा तनाव के कारण सभी व्यक्तियों की प्रतिक्रिया अलग-अलग होती है।
जीवन के प्रति दृष्टिकोण और काम करने की पद्धति, जिसके जरिए व्यक्ति दबाव
सम्बंधी परिस्थितियों से उबरने के लिए तालमेल स्थापित करता है।
दबाव तथा तनाव होने का कारण:-
- अधिक शोर-शराबे, प्रदूषण, किसी बीमारी या फिर मौसम में परिवर्तन आदि के कारण दबाव तथा तनाव उत्पन्न होता है।
- अधिक दु:ख, निराशा, प्रसन्नता, घबराहट, क्रोध तथा मानसिक परेशानियों के कारण दबाव तथा तनाव उत्पन्न होता है।
दबाव और तनाव से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-
- जब यह पता चल जाए कि व्यक्ति को अधिक दबाव तथा तनाव है तो उसे कुछ देर के लिए शांत बैठ जाना चाहिए जिसके फलस्वरूप अधिक लाभ मिलता है और उसका दबाव तथा तनाव दूर हो जाता है।
- रोगी व्यक्ति को अपना दबाव तथा तनाव कम करने के लिए योगासन तथा यौगिक क्रिया करनी चाहिए जैसे- शवासन, योग निद्रा, बायोफीडबैक, ध्यान तथा कायोत्सर्ग और योगासन व प्राणायाम आदि।
- रोगी व्यक्ति को भोजन संतुलित तथा समय पर ही करना चाहिए।
- रोगी व्यक्ति को नियमित रूप से सुबह के समय में प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए।
- इस रोग से पीड़ित रोगी को कम से कम आधे घण्टे तक रीढ़स्नान करना चाहिए, जिसके फलस्वरूप रोगी को शांति मिलती है।
- दबाव तथा तनाव से पीड़ित रोगी को अपने पूरे शरीर पर मालिश करनी चाहिए। इससे शरीर के बहुत से रोग तो ठीक हो जाते हैं और इसके साथ-साथ दबाव तथा तनाव भी ठीक हो जाता है।
- इस रोग से पीड़ित रोगी को सुबह के समय में गर्म पानी से स्नान करना चाहिए जिसके फलस्वरूप शरीर की प्रणालियों को आराम मिलता है तथा दबाव और तनाव ठीक हो जाता है।
- न्यूट्रन इमर्शन स्नान करने से भी दबाव तथा तनाव दूर हो जाता है।
- इस रोग से पीड़ित रोगी को अपनी छाती पर मिट्टी की गीली पट्टी लगानी चाहिए, फिर कुछ देर बाद न्यूट्रल रीढ़ स्नान करना चाहिए, इससे यह रोग कुछ ही ठीक हो जाता है।
- रोगी व्यक्ति को अपने शरीर पर पानी से मालिश करनी चाहिए तथा कुछ समय के बाद भाप व सोना स्नान करना चाहिए और फिर इसके बाद कंस्ट्रास्ट पैर स्नान करना चाहिए। जिससे रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है।
- दबाव तथा तनाव दूर करने के लिए कम से कम आधे घण्टे तक अपने पैरों को ठण्डे पानी से धोना चाहिए।
- रोगी व्यक्ति को दबाव तथा तनाव दूर करने के लिए एक विवेकपूर्ण लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। सभी परिस्थितियों में शांत बने रहना, समय का उद्देश्यपूर्ण ढंग से उपयोग करना समुचित विश्राम करने की आदत डाल लेना आदि से भी दबाव-प्रतिक्रिया से निपटने में बहुत अधिक लाभ मिलता है।
मन और मस्तिष्क के रोग : दबाव और तनाव (Tension and pressure)
Reviewed by ritesh
on
1:38 AM
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