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नीम रस


नीम का पेड़ दो तरह का होता है, पहला कड़वा नीम और दूसरा मीठा नीम। ये दोनों ही अपने गुणों के कारण चिकित्सा जगत में अहम स्थान रखते हैं। नीम के पंचांग जड़, छाल, टहनियां, फूल, पत्ते और निंबोली सभी उपयोगी हैं। इन्हीं कारणों से पुराणों में नीम को अमृत के समान माना गया है।

सप्ताह में एक या दो बार नीम के रस का सेवन करने से किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता। नीम के पत्ते चबाने से मुंह, दांत और आंत के रोग तो दूर होते ही हैं, साथ ही इसके रस से रक्त भी साफ रहता है। मीठी नीम का पत्ता तो खाने में स्वाद बढ़ाने में ही लाभदायक नहीं होता बल्कि यह कई तरह के औषधीय गुणों से परिपूर्ण है।

नीम रक्त साफ करता है। दाद, खाज, सफेद दाग और ब्लडप्रेशर में नीम की पत्ती का रस लेना लाभदायक है। नीम कीड़ों को मारता है इसलिए इसकी पत्ती को कपड़ों और अनाजों में रखा जाता है। नीम की 10 पत्तियां रोजाना खाएं, कभी भी जीवन में रक्तदोष नहीं होगा। साथ ही यदि इसका असर बढ़ जाएगा तो सांप का काटा भी असर नहीं होगा। 

नीम रस नीम रस Reviewed by Unknown on 8:37 AM Rating: 5

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