प्रकृति (nature) ने धरती पर इंसान को स्वस्थ (healthy) बनाएं रखने और लंबी उम्र प्रदान करने के लिए कई औषधियां बनाई हैं। जिन्हे यदि एक-एक कर के उपयोग में लाया जाए तो इंसान का शरीर स्वस्थ रहेगा। प्राकृति ने वनस्पतियों के रूप में अनोखी संपदा धरती पर दी है। जो खतरनाक रोगों (dangerous infections) को पूरी तरह से खत्म करने में लाभकारी है। आइये जानते हैं इन प्राकृतिक वनस्पति औषधियों के बारे में। जिनको जानने से आप कई तरह के गंभीर रोगों से बच सकते हो।
लहसुन
मोटापा, जोड़ों के दर्द, सूजन और आर्थराइटिस जैसे गंभीर रोगों से मुक्ति पाने के लिए खाली पेट सुबह 5 ग्राम लहसुन की 3 कलियां छीलकर पानी (water) के साथ निगलें । एैसा करने से आप इन रोगों से बचोगे।
दांतों के दर्द में लहसुन के रस में रूई (cotton) भिगोकर दांतों के बीच में रखें। दांत दर्द में राहत मिलेगी।
श्वास और दमा संबंधी रोगों (asthma) के लिए 20 ग्राम शहद में 5 ग्राम लहसुन का रस डालकर उसे हलके गरम पानी में मिला लें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें आपको लाभ मिलेगा।
पेट दर्द होने पर आधा चम्मच लहसुन का रस 4 चम्मच पानी में घोलकर उसमें हल्का सेंधा नमक डालें। उसका सेवन करने से पेट दर्द (stomach pain) में राहत मिलती है।
पेट का कैंसर यानि कोलन कैंसर से दूर रहने के लिए नियमित रूप से लहसुन का प्रयोग करते रहें।
हींग
सिरदर्द होने पर गरम पानी में हींग को डालकर लेप बना लें और इस लेप को सिर पर लगाने से सिर दर्द (headache) ठीक हो जाता है।
जिन लोगों को हिस्टीरिया (hysteria) यानि पागलपन के दौरे आते हैं उन्हें हींग सुंघाने से जल्दी चेतना आती है।
गैस, खट्टी डकार और पेट दर्द में हींग को नाभी के आसपास मसलें जल्दी लाभ मिलेगा।
देसी घी में हींग को मिलाकर लगाने से पित्ती उछलना ठीक हो जाता है।
हल्दी
सभी तरह की बीमारियों को दूर करने के लिए हल्दी पाउडर (turmeric powder) को पानी या छाछ में डालकर सेवन करें।
हल्दी को गरम पानी में डाल करके इसके लेप को चोट पर लगाने से चोट के दर्द से मुक्ति मिलती है और कीटाणु (germs) भी खत्म होते हैं।
स्तनों में सूजन या गांठ की वजह से दर्द हो रहा हो तो हल्दी पाउडर को एलोवेरा के रस (alovera juice) के साथ मिलाकर इसे थोडा गर्म करें फिर इसका लेप लगाएं।
खांसी, सर्दी-जुकाम (cough) होने पर हल्दी के चूर्ण को देसी घी में भूनकर गुड के साथ सेवन करे और बाद में गरम दूध पीएं आपको शीध्र लाभ मिलेगा।
काली मिर्च
मांसपेशियों का दर्द ठीक करने के लिए काली मिर्च को तिल के तेल के साथ उच्छे से उबालें (boil) और बाद में इस तेल की मालिश मांसपेशियों पर करें आपको लाभ मिलेगा।
काली मिर्च (black pepper) और गुड का सेवन करने से खांसी ठीक हो जाती है।
काली मिर्च के चूर्ण और नमक (salt) को छाछ में डालकर पीने से पेट के कीडे़ खत्म हो जाते हैं।
तुलसी के पत्ते, 4 काली मिर्च और 2 लौंग के साथ इलायची व अदरक को चाय में उबालकर पीने से बुखार (fever) में राहत मिलती है।
कपूर
मुंह में छाले (mouth infection) होने पर कपूर को घी के साथ मिलाकर दो-चार बार लगाने से छाले ठीक हो जाते हैं।
कपूर को दांतों के बीच दबाए रखने से दांत दर्द (tooth pain) ठीक हो जाता है।
कपूर का नस्य लेने से जुकाम से हुई बंद नाक खुल जाती है और लाभ मिलता है।
दांत में छेद की वजह से कीडे लगने पर कपूर को उस जगह पर भर दें।
नारियल तेल (coconut oil) में 10 ग्राम कपूर मिलाकर हल्का गरम करें और इसका इस्तेमाल फोड़-फुंसियों और खुजली वाली जगह पर करें। निश्चय ही फायदा होगा।
लौंग
गरम पानी में लौग को घिसकर सिर पर लगाने से सिर का तेज दर्द शांत हो जाता है।
2. 3 लौंग को चबाकर उसके बाद पानी पीने से हिचकी आना बंद हो जाती है।
खांसी यदि कष्टदायक (painful) हो रही हो तब भुनी हुई लौंग को रात को सोते वक्त चूसना चाहिए।
लौंग का चूर्ण को नींबू के रस (lemon juice) मे मिलाकर दांतों पर लगाने से दांत दर्द ठीक हो जाता है।
काली खांसी से परेशान बच्चों को शहद (honey) के साथ भुनी हुई लौंग को मिलाकर चटाने से बच्चों में खांसी कि दिक्कत दूर होती है।
मसूडों में सूजन होने पर लौंग का तेल (clove oil) को रूई में भिगोकर मसूड़ों पर लगाएं। जल्दी ही मसूडे ठीक हो जाएगें।
जीरा
पानी में जीरे को उबालकर उसे ठंडा कीजिए और फिर इस पानी से चेहरा धोने से त्वचा निखर जाती है।
बच्चों को शहद में काला जीरा का चूर्ण मिलाकर देने से बच्चों के पेट में कृमि यानि कीडे नष्ट जो जाते हैं।
जीरे के चूर्ण को पुराने गुड के साथ लेने से बुखार में राहत मिलती है।
शहद
गुनगुने पानी में शहद को मिलाकर दो से तीन बार दिन में पीने से जुकाम ठीक हो जाता है।
शु़द्ध शहद को आंखो पर लगाने से आंखों की रोशनी तेज (strong eyesight) बनी रहती है।
प्रतिदिन (everyday) शहद का सेवन करने से शरीर में ताजगी और स्फूर्ति आती है।
लहसुन के साथ शहद लेने से ब्लडप्रेशर (blood pressure) नहीं बढ़ता है।
उल्टी (vomiting) आने पर पुदीने का रस और शहद को लेने से लाभ मिलता है।
छोटे बच्चों को थोड़ा-थोड़ा शहद देने से उन्हें पोषण मिलता है।
अदरक
अदरक (ginger) को दांत दर्द वाली जगह पर रखने से दांत दर्द नहीं होता है।
दमा के रोगीयों को अदरक चूसने से राहत मिलती है।
अदरक के रस में हींग मिलाकर मालिश करने से जोड़ों का दर्द ठीक हो जाता है।
पुदीना
पुदीना (mint) के रस को दाद वाली जगह पर नियमित लगाने से दाद और दाद के निशान दोनों ही दूर होते हैं।
बुखार आने पर तुलसी का रस और पुदीना का रस को मिलाकर पीने से बुखार जल्दी ठीक होता है।
तलवों की जलन हो या फिर हथेलियों में जलन पुदीने को पीसकर उसे लगाने से जलन ठीक हो जाती है।
इन प्राकृतिक वनस्पति औषधियों के प्रयोग से कई बीमारियों (diseases-infection) से बचा जा सकता है। क्योंकि छोटी बीमारियां ही शरीर में बड़े रोगों को पैदा करती है और इंसान की उम्र को भी कम। ये प्राकृतिक औषधियां आपको घर पर ही मिल जाती हैं। बस आपको इनके बारे में पता होना चाहिए। वैदिक वाटिका आप तक और भी एैसी जानकारियां पहुंचाएगा जिससे आप और आपका परिवार स्वस्थ (healthy family) रह सके।
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