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"श्वास-रोग अथवा दमा-रोग"

मित्रों, यह श्वसन तंत्र की एक भयंकर और कष्टदायी बीमारी है. यह रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है. श्वास पथ की मांसपेशियाँ आक्रांत होने से सांस लेने-छोड़ने में कठिनाई होती है. खाँसी का प्रकोप होने पर और श्वासनली में कफ़ जमा हो जाने पर तकलीफ़ ज्यादा बढ़ जाती है परिणामस्वरूप रोगी बुरी तरह हाँफ़ने लगता है.
एलर्जी पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने से अथवा बीड़ी-सिगरेट, धूम्रपान करने से, ज्यादा सर्द या ज्यादा गर्म मौसम से, सुगन्धित पदार्थों से ,आर्द्र हवा से, ज्यादा कसरत करने से और मानसिक तनाव से दमा का प्रकोप तीव्र हो जाता है.
आईये अब ऐसे घरेलू उपायों के बारे में जाना जाए जो इस रोग को ठीक करने में, दौरे को नियंत्रित करने में तथा श्वास की कठिनाई में राहत प्रदान करने में सहायक सिद्ध होते हैं:
1/ तुलसी के १५-२० पत्ते पानी से साफ़ कर, उन पर काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से दमा में राहत मिलती है.
2/ एक केला छिलका सहित हल्की आंच पर भून लें. छिलका उतारने के बाद गूदे के ऊपर १० नग काली मिर्च का पावडर बुरककर खाने से श्वास की कठिनाई तुरंत दूर होती है.
3/ दमा के दौरे को नियंत्रित करने के लिये एक चम्मच हल्दी दो चम्मच शहद में मिलाकर चाटें.
4/ तुलसी के पत्ते पानी के साथ पीस कर इसमें दो चम्मच शहद मिलायें. इसका सेवन करने से दमा रोग में लाभ मिलता है.
5/ पहाड़ी नमक युक्त सरसों के तेल द्वारा छाती पर मालिश करने से दमा की स्थिति में तुरंत लाभ मिलता है.
6/ १० ग्राम मैथी के बीज एक गिलास पानी में एक-तिहाई रह जाने तक उबालें. अब इस पानी को ठंडा करके पी लें. यह उपाय दमा के अलावा शरीर के अन्य कई रोगों में भी लाभप्रद होता है.
7/ एक चम्मच हल्दी को एक गिलास दूध में मिलाकर रोजाना पीने से 'दमा' काबू में रहता है. एलर्जी नियंत्रित होती है.
8/ सूखे अंजीर (४ नग) रात्रि समय पानी में गला दें व प्रातःकाल खाली पेट खाएं. इससे श्वास नली में जमा बलगम शनैः-शनैः ढीला होकर बाहर निकलने लगता है.
9/ सहजन (मुनगा) की पत्तियाँ अच्छी तरह उबालें व छानकर उसमें चुटकी भर नमक, एक चौथाई निंबू का रस, और काली मिर्च का पावडर मिलाकर पीयें.
यह दमा का बहुत ही बढ़िया इलाज माना गया है.
10/ 'शहद' दमा की अच्छी औषधि है. शहद की गन्ध श्वास-प्रश्वास के साथ ज्यादा से ज्यादा लेने से दमा में काफी राहत मिलती है.
11/ लहसुन की ५ कलियाँ ५० मि.लि. दूध में उबालें. सुबह-शाम इस मिश्रण का सेवा करने से बेहद लाभ मिलता है.
12/ दमा की स्थिति में नींबू का उपयोग हितकर है. एक नींबू का रस एक गिलास जल के साथ भोजन के समय बतौर औषधीय-उपचार, सेवन करना चाहिये.
13/ अनेक अनुसंधान बतलाते हैं कि 'आँवला' दमा रोग में अमृत के समान गुणकारी होता है. एक चम्मच आँवला-रस में दो चम्मच शहद मिलाकर लेने से फेफड़े ताकतवर बनते हैं.
14/ दमा के रोगी को सिंथेटिक बिस्तर पर नहीं लेटना चाहिये. यह दमा रोग में 'ट्रिगर-फ़ेक्टर' का काम करता है.
15/ एक अनुभूत उपचारानुसार दमा के रोगी को हर रोज सुबह के वक्त ३-४ छुहारे अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना चाहिये. अच्छे परिणाम आते हैं. इससे फ़ेफ़डों को शक्ति मिलती है और सर्दी जुकाम का प्रकोप कम हो जाता है.
16/ सौंठ श्वास-रोग में बहुत उपकारी होता है अतः इसका काढ़ा बनाकर पीना चाहिये.
17/ १० ग्राम गुड़ की मात्रा १० ग्राम सरसों के तेल में मसलकर-मिला लें व सुबह के वक्त खाएं. इस प्रयोग को लगातार ४५ दिन तक करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है.
18/ पीपल के सूखे फ़ल श्वास चिकित्सा में बहुत गुणकारी होते हैं. सूखे फलों का बारीक चूर्ण एक-एक चम्मच सुबह-शाम लेते रहने से काफी लाभ होता है.

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