तुलसी का काढ़ा पी लो !
नीम की गिलोय होती है उसको भी उसमे डाल लो !
थोड़ी सोंठ(सुखी अदरक) डाल लो !
थोड़ी छोटी पीपर डाल लो !
और अंत थोड़ा गुड मिला लो ! क्यूंकि ज्यादा कड़वा हो जाता है
तो कई बार पिया नहीं जाता !
मात्र इसकी 3 खुराक से राजीव भाई ने
हजारो लोगो का चिकनगुनिया पूरा खत्म कर दिया !!
___________________
और जो ये एलोपेथी वाले ने किया ! Boveron के 3 -3
इंजेक्शन ठोक दो ! diclofenac दे दो !
Paracetamol भी दे दो ! जो इनके पास है सब मरीज को ठोक
दिया ! और लोग 20 -20 दिन से बिस्तर मे पड़े तड़पते रहे !!
और कुछ डाक्टर जिनको खुद चिकनगुनिया हो गया ! राजीव भाई
के पास आए और बोलो कुछ बता दो ! राजीव भाई ने
कहा अपना इंजेक्शन खुद क्यूँ नहीं ठोक लेते ! तो उन्होने ने
कहा हमे मालूम है इसके side effects क्या हैं !
तो राजीव भाई ने कहा मरीज को क्यूँ नहीं बताते ???
क्या इतने हरामखोर हो ??
तुम जानते हो Boveron लगाएंगे मुंह मे छाले हो जाएँगे ! गले मे
छालें हो जाएँगे ! अल्सर होने की भी संभावना है ! ये सब तुम
जानते हो तो मरीज को क्यूँ नहीं बताते ???
ये हरामखोरी तुम मे कहाँ से आ गई ??
अपने को ये सब इंजेक्शन लगाओ नहीं ! और मरीज को ठोकते
जाओ ठोकते जाओ ! और तुमके मालूम है मरीज इससे ठीक होने
वाला नहीं ! फिर Paracetamol दे दो फिर novalgin दे दो !
और दुर्भाग्य से ये सारी दवाएं यूरोप के देशों मे पीछले 20 -20
से बंद है ! वो कहते है diclofenac खराब है !Paracetamol
तो जहर है ! novaljin तो 1984 से बैन हैं अमेरिका मे ! और
वही इंजेक्शन ठोक रहें बार बार ! और मरीज जो है ठीक
ही नहीं हो रहा !!
राजीव भाई बताते है होमेओपेथी की तो बहुत सी दवा तो आयुर्वेद
से हीं गाई ! आप मे से कुछ होमेओपेथी डाक्टर होंगे तो वो जानते
होंगे ! तुलसी से ही ocimum बनी हैं ! तो ocimum की तीन
तीन खुराक देकर राजीव भाई ने कर्नाटक राज्य मे 70 हजार
लोगो को चलता कर दिया ! और वो 20 -20 दिन से
एलोपेथी खा रहे थे result नहीं आ रहा था ! बुखार रुक
नहीं रहा था उल्टी पे उल्टी हो रही थी ! नींद आ नहीं रही थी और
ocimum 200 की तीन तीन खुराक से
सब ठीक कर दिया !
और अंत कर्नाटक राज्य की सरकार ने इसके परिणाम देख अपने
सारे डाएरेक्टर,जोयन डेरेक्टर ! लगा दिये कि जाओ देखो ये
राजीव दीक्षित क्या दे रहा है !
राजीव भाई 70 हजार लोगो को दवा दी सिर्फ 6 मरे ! औए
उन्होने 1 लाख 22 हजार लोगो की दी मुश्किल से 6 बचे !! ये
कर्नाटक का हाल था ! राजीव भाई बोले मेरी मजबूरी ये
थी की कार्यकर्ता कम पढ़ गए ! अगर 1 -2 हजार
डाक्टरों की टीम साथ होती ! तो हम कर्नाटक के उन
लाखो लोगो को बचा लेते जो मर गए !
तो मित्रो ये तुलसी ,नीम सोंठ ,पीपर सब आपके घर मे
आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं ! इनके प्रयोग से आप
रोगी की जान बचा सकते हैं ! और अगर पूरे शहर या गाँव मे फैल
जाये ! एक एक को काढ़ा पिलाना मुश्किल
हो तो होमेओपेथी की ocimum 200 की दो दो बुँदे 3 -3 बार
मरीजो को दीजिये !!
चिकनगुनिया
Reviewed by Unknown
on
2:58 AM
Rating:
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
No comments: