दाद और खुजली, यह त्वचा संबंधी रोग है जिसकी वजह से काफी परेशानी होती है। आइये आपको इन रोगों के लक्षणों और इनके कारगर घरेलू उपायों के बारे में बताते हैं जो इन बीमारीयों को दूर करेगा।
दाद के लक्षण
दाद यह त्वचा का रोग है जो आपकी त्वचा पर फफूंद के रूप में दिखता है और इसका आकार गोल व रंग लाल होता है जो धीरे-धीरे बढ़ने भी लगता है। दाद त्वचा, बालों और नाखूनों को प्रभावित करता है।
दाद के कारण
1. यह संक्रमित व्यक्ति को छूने से या उसके तौलिए का इस्तेमाल करने से भी हो सकता हैं।
2. कुत्ता, बिल्ली या अन्य पालतू जानवरों की संक्रमित त्वचा के संपर्क में आने से भी दाद फैल सकता है।
दाद का इलाज
तुलसी के पत्तों को पीसकर उसका पेस्ट बनाएं और इसे दाद वाले स्थान पर मलें।
दाद होने पर आप उसकी ठंठे पानी और गरम पानी दोनों की बारी-बारी से सिंकाई करें।
अपना बिस्तर हमेशा साफ रखें।
. साफ सुथरे कपड़े पहनें और भोजन सादा खायें।
. आप नीम के पत्तों को पीसकर उसका लेप तैयार करें और इस लेप को दाद वाले स्थान पर मलें।
नहाने के पानी में नीम की पत्तीयां डालकर स्नान करें और स्नान रोज करें।
कपड़े साफ और सूखे पहने क्योंकि गीला कपड़ा पहने से दाद का आकार बढ़ता है।
खुजली-
खुजली यह भी त्वचा संबंधी रोग है और त्वचा को ज्यादा रगड़ने से त्वचा पर जलन भी होती है। आइये जानते है इसके कारण और इलाज-
खुजली होने की वजह-
दवाई के गलत असर होने से।
गलत तरह से यौन संबंध बनाने से।
संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से।
सिर पर जुंओं की वजह से।
पसीना आने की वजह से।
. तनाव की वजह से।
खुजली दूर करने के उपचार
टमाटर के मिश्रण में नारियल का पानी मिला कर खुजली वाली जगह पर लगाने से खुजली दूर होती है।
खुजली यदि पूरे शरीर में हो रही है तो आप दूध की मलाई को खुजली वाले स्थानों पर लगायें।
नीम के पत्तों का लेप लगाने से खुजली से निजात मिलता है।
खुजली वाली जगह पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।
चर्म रोग का तेल बनाने की विधि : नीम की छाल, चिरायता, हल्दी, लाल चन्दन, हरड़, बहेड़ा, आँवला और अड़ूसे के पत्ते, सब समान मात्रा में। तिल्ली का तेल आवश्यक मात्रा में। सब आठों द्रव्यों को 5-6 घंटे तक पानी में भिगोकर निकाल लें और पीसकर कल्क बना लें।
पीठी से चार गुनी मात्रा में तिल का तेल और तेल से चार गुनी मात्रा में पानी लेकर मिलाकर एक बड़े बरतन में डाल दें। इसे मंदी आंच पर इतनी देर तक उबालें कि पानी जल जाए सिर्फ तेल बचे। इस तेल को शीशी में भरकर रख लें।
जहाँ भी खुजली चलती हो, दाद हो वहाँ या पूरे शरीर पर इस तेल की मलिश करें। यह तेल चमत्कारी प्रभाव करता है। लाभ होने तक यह मालिश जारी रखें, मालिश स्नान से पहले या सोते समय करें और चमत्कार देखें।
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