फेफड़े का कैंसर तब होता है जब एक या दोनों फेफड़ों में असामान्य कोशिकाएं अनियंत्रित ढंग से विकसित होने लगती हैं। फेफड़े शरीर की श्वसन प्रणाली का हिस्सा हैं। वे, श्वासनलियाँ और सूक्ष्मश्वासनलियाँ नामक वायुमार्ग की श्रृंखला से बने होते हैं जो वायुकोष्ठिका नामक छोटी-छोटी वायु थैलियों में समाप्त होते हैं
फेफड़े के कैंसर कैंसर किस-किस प्रकार के होते हैं,types of lung cancer ,lung cancer types
फेफड़े के कैंसर कई प्रकार के होते हैं, इनमें से प्रत्येक, फेफड़े की अलग कोशिका में प्रारंभ होता है।
लघु कोशिका कैंसर (Small cell carcinoma) (फेफड़े के कैंसर का 12% प्रतिशत) आमतौर पर केंद्रीय रूप से अवस्थित श्वासनलियों के सतह को ढकने वाली उपकला कोशिकाओं (epithelial cells) से प्रारंभ होता है
गैर-लघु कोशिका कैंसर (Non-small cell carcinoma) (फेफड़े के कैंसर का 60% से अधिक) में विभिन्न वर्गों के कैंसर होते हैं जो लघु कोशिका कैंसर (small cell carcinoma) के मुकाबले धीरे-धीरे विकसित होते और फैलते हैं। यह मुख्यतः श्वासनलियों और छोटे वायुमार्गों को ढकने वाली कोशिकाओं को प्रभावित करता है
अन्य प्रकार, फेफड़े के कैंसर का लगभग 25% होते हैं
फेफड़े के कैंसर के क्या-क्या लक्षण,
फेफड़े के कैंसर का हमेशा कोई लक्ष्ण नहीं होता है, और यह किसी अन्य बीमारी के लिए छाती के एक्स-रे के दौरान आकस्मिक रूप से पाया जा सकता है
फेफड़े के कैंसर के कुछ आम लक्षणों में निम्न शामिल हैं
खाँसी के दौरान बलगम में खून – यह हीमोप्टाइसिस कहलाता है
नई या परिवर्तित खाँसी
छाती और/या कंधे का दर्द या पीड़ा
हाँफना
कर्कशता
बिना किसी स्पष्टता के वजन में कमी/भूख में कमी
सीने में संक्रमण जो ख़त्म न हो रहा हो
फेफड़ों के कैंसर का सबसे महत्वपूर्ण लक्षणों में शामिल हैं:
लगातार खांसी लाल या थूक के साथ रक्त अधिक से अधिक 3 सप्ताह की अवधि
सीने में दर्द
शारीरिक व्यायाम के साथ सांस और अक्सर घरघराहट
छाती का आवर्तक संक्रमण
रक्त वाहिकाओं पर ट्यूमर के दबाव के असर से चेहरे और गर्दन की सूजन, नसों में दर्द या उस तरफ हाथ में कमजोरी का कारणहो सकता है
कैंसर के प्रणालीगत प्रभाव से फेफड़ों के कैंसर के उन्नत रूपों के साथ वजन में कमी, थकान, भूख में कमी
फेफड़ों के एक विशेष समूह के लक्षण को "नियोप्लास्टिक सिन्ड्रोम" बुलाया जाता है, जिसमें कैंसर के साथ हो सकता है सोडियम असंतुलन और कभी कभी भी कोमा की विशेषता होती है।
इसी प्रकार अन्य लक्षणों में महिला सेक्स हार्मोन के असामान्य स्राव के कारण गायनिकोमेस्टिया का विकास, हड्डियों से कैल्शियम की हानि, आदि हार्मोन के असामान्य स्राव, शामिल हो सकते हैं।न सिर्फ फेफड़े का कैंसर बल्कि अनेक स्थितियाँ हो सकती हैं जिनके कारण ये लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको इनमें से किसी एक लक्षण का अनुभव हुआ है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप डॉक्टर के साथ इसकी चर्चा करें।
फेफड़े के कैंसर के खतरे के कारण,causes of lung cancer,what causes lung cancer
खतरे का एक कारण, ऐसा कोई भी कारण होता है जो स्वास्थ्य संबंधी किसी विशेष स्थिति (बीमारी) जैसे कि फेफड़े का कैंसर आदि के, होने की अधिक संभावना से जुड़ा हुआ होता है। खतरे के कारण विभिन्न प्रकार के होते हें, इनमें से कुछ में सुधार या परिवर्तन लाया जा सकता है कुछ में नहीं
इस पर ध्यान देना चाहिए कि खतरे के एक या अधिक कारण होने का अर्थ यह नहीं कि व्यक्ति को फेफड़े का कैंसर हो जाएगा। अनेक लोगों में खतरे का कम से कम एक कारण होता है लेकिन उन्हें कभी फेफड़े का कैंसर नहीं होता, जबकि हो सकता है कि फेफड़े के कैंसर से पीड़ित अन्य लोगों में खतरे का कोई भी ज्ञात कारण नहीं रहा हो। बावजूद इसके कि फेफड़े के कैंसर से पीड़ित किसी व्यक्ति में खतरे का कोई कारण हो, यह जानना सामान्यतः मुश्किल होता है कि उस खतरे के कारण ने उनकी बीमारी के विकास में कितना योगदान दिया।
फेफड़े के कैंसर के कारणों को अच्छी तरह नहीं समझा जा सका है, बीमारी विकसित होने के जोख़िम से संबद्ध अनेक कारण हैं। इन कारणों में निम्न शामिल है:
धूम्रपान
परिवेशी कारण जैसे कि निष्क्रिय (passive) धूम्रपान, रेडॉन एक्सपोज़र और व्यावसायिक एक्सपोज़र, जैसे कि एस्बेस्टस और डीज़ल एग्ज़्हौस्ट।
फेफड़े के कैंसर का पारिवारिक इतिहास होना
पूर्व में हुईं फेफड़े की बीमारियाँ जैसे कि लंग फ़ाइब्रोसिस, क्रॉनिक ब्रॉन्काइटिस, एम्फ़िसेमा, और पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस।
फेफड़े के कैंसर की पहचान,
फेफड़े के कैंसर के लक्ष्णों की पड़ताल करने और पहचान की पुष्टि के लिए अनेक परीक्षण (जाँच) किए जाएँगे। कुछ आम परीक्षणों में निम्न शामिल हैं:
शारीरिक जाँच
सीने का एक्स-रे
थूक नमूने की जाँच
फेफड़े और आसपास के अंगों की इमेजिंग, जिसमें सीने का एक्स-रे, कंप्यूटेड टोमोग्राफ़ी (computed tomography) (CT) स्कैन या मैग्नेटिक रेज़ॉनेन्स इमेजिंग (magnetic resonance imaging) (MRI) शामिल हो सकते हैं।4
ब्रोंकोस्कोपी का उपयोग करके फेफड़े के अंदर के हिस्सों की जाँच4
माइक्रोस्कोप के द्वारा परीक्षण करने के लिए फेफड़े से ऊतकों का नमूना लेना (बायोप्सी)4
उपचार विकल्प,
कैंसर से पीड़ित लोगों के उपचार और देखभाल आमतौर पर बहु-विषयक टीम के नाम से जानी जाने वाली स्वास्थ्य पेशेवरों की एक टीम, द्वारा की जाती है।
फेफड़े के कैंसर का उपचार बीमारी के चरण और प्रकार, लक्षणों की गंभीरता और व्यक्ति के सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उपचार में फेफड़े के प्रभावित हिस्से को निकालने हेतु सर्जरी शामिल है। कभी-कभी रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी या टार्गेटेड थेरेपीज़ का उपयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है।
विभिन्न प्रकार के कैंसरों के निदान और उपचार के नए तरीकों को खोजने के लिए शोध कार्य जारी है। फेफड़े के कैंसर के इलाज के नए तरीकों को जाँचने के लिए कुछ लोगों को चिकित्सकीय जाँच में भागदारी का प्रस्ताव दिया जा सकता है।
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