गुर्दे की पथरी एक आम बीमारी है जो अक्सर गलत खान पान की वजह से होती है। जरुरत से कम पानी पीने से भी गुर्दे की पथरी का निर्माण होता है। पेशाब में जलन, मूत्र विसर्जन के समय अक्सर पीड़ा का एहसास होना , चक्कर आना, भूख मिटना, पेशाब में बदबू, पेशाब में खून के अंश का पाया जाना इत्यादि गुर्दे की पथरी होने के कुछ आम लक्षण हैं। जिन महिलाएं को मासिक धर्म के दौरान पेट (उदर) के निचले भाग में अक्सर दर्द की शिकायत रहती हो उन्हें भी अपनी डाक्टरी जांच अवश्य करवानी चाहिए क्योंकि यह भी गुर्दे की पथरी होने का संकेत हो सकता है।
गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए अक्सर लोग कोई ऐसा समाधान चाहते हैं जिसका कोई कुप्रभाव न हो। ऐसा ही एक उपाय है प्राकृतिक उपाय जो गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत ही कारगर साबित होता है साथ हीं साथ शरीर पर इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता।
अंगूर का सेवन करें
अंगूर गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत ही अहम भूमिका निभाता है। अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में उत्कृष्ट रूप से कार्य करता है क्योंकि इसमें पोटेशियम नमक और पानी भरपूर मात्रा में होते हैं। अंगूर में एलब्यूमिन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में होता है, इस कारण अंगूर को पथरी के उपचार के लिए फायदेमंद माना जाता है।
विटामिन बी 6 का सेवन
विटामिन बी 6 गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत ही प्रभावकारी साबित होता है। यदि विटामिन बी 6 का सेवन विटामिन बी ग्रूप के अन्य विटामिन के साथ किया जाए, तो गुर्दे की पथरी में कमी आती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि विटामिन बी की 100 से 150 मिलीग्राम की दैनिक खुराक गुर्दे की पथरी की चिकित्सीय उपचार में फायदेमंद हो सकती है। यह विटामिन मष्तिष्क संबंधी विकारों को भी दूर करता है। तुलसी के पत्तों में विटामिन बी पाया जाता है इसलिए तुलसी के पत्तों को प्रतिदिन चबाया करें।
प्याज खाएं
गुर्दे की पथरी के इलाज के लिए प्याज में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। पके हुए प्याज का रस पीने से गुर्दे की पथरी में राहत मिलती है। आप दो मध्यम आकर के प्याज लेकर उन्हें अच्छी तरह से छील लें। अब एक बर्तन में एक गिलास पानी डालकर दोनों प्याज को मध्यम आंच पर पका लें। जब वे अच्छी तरह से पक जाए तो उन्हें ठंडा होने दें। अब इन्हें ग्राइंडर में डालकर अच्छे ग्राइंड कर लें। अब इस रस को छान लें और इसका तीन दिन तक सेवन करें। इसके सेवन से आपको बहुत जल्दी फायदा मिलेगा।
केला
जिस व्यक्ति को पथरी की समस्या हो उसे खूब केला खाना चाहिए क्योंकि केला विटामिन बी-6 का प्रमुख स्रोत है, जो ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता है व ऑक्जेलिक अम्ल को विखंडित कर देता है। इसके आलावा नारियल पानी का सेवन करें क्योंकि यह प्राकृतिक पोटेशियम युक्त होता है, जो पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकता है और इसमें पथरी घुलती है।
करेला
कहने को करेला बहुत कड़वा होता है पर पथरी में यह भी रामबाण साबित होता है। करेले में पथरी न बनने वाले तत्व मैग्नीशियम तथा फॉस्फोरस होते हैं और वह गठिया तथा मधुमेह रोगनाशक है।
चौलाई का साग
पथरी को गलाने के लिये अध उबला चौलाई का साग दिन में थोडी थोडी मात्रा में खाना हितकर होता है, इसके साथ आधा किलो बथुए का साग तीन गिलास पानी में उबाल कर कपडे से छान लें, और बथुये को उसी पानी में अच्छी तरह से निचोड कर जरा सी काली मिर्च जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर इसे दिन में चार बार पीना चाहिये, इस प्रकार से गुर्दे के किसी भी प्रकार के दोष और पथरी दोनो के लिए साग बहुत उत्तम माने गये है।
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