आज के युग में सीने में दर्द होना एक भयावह समस्या बन चुका है | इसकी वजह से लोग इतना घबरा जाते हैं कि क्या करे क्या ना करें, ठीक प्रकार से नहीं सोच पाते | लोगों को ऐसा लगने लगता है कि उन्हें दिल से सम्बंधित कोई बीमारी हो गई है | अगर आपके भी कभी सीने में दर्द उठे तो इसका मतलब केवल यह ही नहीं है कि आपको दिल का दौरा पड़ने वाला है बल्कि यह आपको सूचित करता है कि अब आपको अपने आहार-सम्बन्धी आदतों में बदलाव देना शुरू कर देना चाहिए | अगर कभी भी आपको छाती में दर्द होना शुरू हो तो सर्वप्रथम अपने नजदीकी डॉक्टर को जरूर दिखाए |
क्यों होती है सीने में दर्द की समस्या ?
अगर आप ज्यादा वसायुक्त, तेज मसालेदार अथवा कम पोषण वाला भोजन का सेवन कुछ अधिक मात्रा में करते हैं तो यह सीने में दर्द उठने की एक महतवपूर्ण वजह हो सकता है | इसके अलावा एसिडिटी, सर्दी, कब्ज, तनाव, बदहजमी, धुम्रपान आदि भी इस दर्द की वजह हो सकते हैं | यदि आप चाहते हैं कि आपको इस समस्या का सामना ना करना पड़े तो निचे दिए गए कुछ ख़ास सामग्रियों का सेवन करना प्रारम्भ कर दीजिये |
1 लहसून :- लहसून में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं इसी वजह से इसे वंडर मेडिसिन के नाम से भी जाना जाता है | बस आप प्रतिदिन खाली पेट लहसून की एक या दो कली को खाना शुरू कर दीजिये | अगर आपकी छाती में दर्द गैस या अन्य छोटे मोटे कारणों से हो रहा है तो इससे दर्द में लाभ मिलेगा | साथ ही साथ लहसून के सेवन से आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर कम होता है एवं दिल की धमनी की दिवार पर वसा (फैट) की परत बनने से भी रुकेगा जिसके फलस्वरूप आपके दिल में ऑक्सीजन और खून का प्रवाह सही बना रहेगा |
2 हल्दी :- हल्दी में भी बहुत अधिक मात्रा में आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो हमारे शरीर में कई तरह की बिमारियों को दूर करने के लिए लाभकारी सिद्ध होते हैं | अगर आपको दिल से समन्धित कोई परेशानी होती है या सीने में दर्द होता है तो आज से ही इसका उपयोग भोजन में मसाले के रूप में इस्तेमाल के साथ साथ इसे दूध में भी डालकर पीना शुरू कर दीजिये | इससे आपको दर्द से राहत मिलेगी |
3 अदरक :- अगर आपको एसिडिटी अथवा गैस की वजह से छाती में दर्द अथवा जलन हो रही है तो अदरक वाली चाय का सेवन कीजिये | अदरक में मौजूद औषधीय तत्व सीने में दर्द के साथ साथ खांसी, जुकाम तथा अन्य कई रोगों को ठीक करने में भी सहायता करते हैं |
4 तुलसी :- सीने में दर्द होने पर तुलसी-अदरक का काढ़ा बनाकर उसमे स्वादानुसार शहद मिलाकर सेवन कीजिये, इससे आपको दर्द से बहुत राहत मिलेगा | तुलसी में केवल एंटी-बैक्टीरियल ही नहीं अपितु एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व भी मौजूद होते हैं जो हमारे हृदय के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं |
5 मुलेठी :- मुलेठी एक तरह की बूटी होती है जो साधारणतया गले में खराश होने पर चुसी जाती है | इसको चूसने से जो रस निकलता है वो न केवल हमारी पाचनक्रिया समन्धित परेशानियों को दूर करता है बल्कि हमारे सीने में हो रहे दर्द को भी राहत देता है | इस बूटी का प्रयोग कई तरह की आयुर्वेदिक दवा को बनाने में भी किया जाता है |
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