गठिया एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई स्थाई इलाज नहीं है। गठिया रोग को आमवात, संधिवात आदि नामों से भी जाना जाता है। इस रोग के होने पर शरीर के सारे जोड़ों में इतना दर्द होता है।
इसके अलावा कुछ लोगों में शरीर गर्म का गर्म होना व लाल चकत्ते पड़ जाना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। जोड़ों में आसपास सूजन आ जाता है। शरीर के किसी भी अंग को हिलाने पर दर्द, जलन और सूजन की तकलीफ झेलनी पड़ती है। यदि आप अपने शरीर को हिलाना-डुलाना बंद कर देगे तो गठिया रोग आपको खा जाएगा। इसलिए यह बहुत जरुरी है कि आप कुछ योगा आसन करें और गठिया दर्द से राहत पाएं।
सूर्य नमस्कार - सूर्य नमस्कार पूरे शरीर के लचीलेपन के लिए अच्छा है। इस बहुमुखी योग आसन से शरीर की सभी मांसपेशियों को ढीला कर देता है जिसके बाद आपको व्यायाम शुरु करना चाहिए। यह घुटनों के लिए विशेष रूप से अच्छा है।
वीरभद्र आसन-
इस योग का अभ्यास खड़े होकर किया जाता है। इस योग में मूल रूप से पैर, टखना, कंधा और बाजू मूल रूप से भाग लेते हैं। छाती के लिए भी यह अच्छा व्यायाम होता है। अभ्यास के दौरान कमर को सीधा रखना चाहिए। पिछले पैर के हिप्स आगे की ओर नहीं घुमे इसका ख्याल रखना चाहिए। बाजू, कंधा, हिप्स और पैर एक सीध में होने चाहिए।
-सीधा तन कर खड़े हो जाएं।
-अपने दाएं पैर को 2 से 4 फीट आगे ले जाएंं।
-दाएं घुटने को हल्के से मोड़ें.इस अवस्था में बायां पैर सीधा और तलवा ज़मीन से लगा होना चाहिए।
स्टेप 4 गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को छत की दिशा में सीधा ले जाएं.इस स्थिति में दोनों हथेलियां एक दूसरे के सामने हों।
- कंधों को आरामदायक स्थिति में रखें.दोनों कंधे कान से कुछ दूर होने चाहिए।
- सिर को सीधा रखें और सामने देखें।
- इस मुद्रा में 15 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें।
-सांस छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति में लौट आएं।
वज्रासन- यह एक बहुत सरल योगासन है। बस पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठना है। पैरों के अंगूठे एक-दूसरे के ऊपर रहेंगे, एडिय़ों को बाहर की ओर फैलाकर बैठने के लिए जगह बना लेंगे। हाथों को घुटनों पर रखेंगे। इसको करने से घुटनों का दर्द कम होता है। यही एक ऐसा आसन है, जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है।
ताड़ आसन- ताड़ आसन में पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचना ही ताड़ासन कहलाता है। इससे पीठ पर जोर पड़ता है और दर्द गायब होता है। पैरों की अंगुलियों के साथ-साथ टखने भी मजबूत बनते हैं। ये आसन रीढ़ की हड्डी में भी खिंचाव लाता है। इससे शरीर का कद बढऩे की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, स्लिप डिस्क की संभावना नहीं रहती। कंधों के जोड़ मजबूत बनते हैं और गहरी सांस लेने-छोडऩे की प्रक्रिया में सुधार होता है।
विधि- इसके लिए सीधे खड़े हो जाएं और प्रयास करें कि आपके पैर मिले रहें। साथ ही, हथेलियों को अपने बगल में रखें।
- पूरे शरीर को स्थिर रखें और ये ध्यान रहे कि पूरे शरीर का वजन दोनों पैरों पर बराबर रूप से आए। दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर रखें। हथेलियों का रुख ऊपर की ओर होना चाहिए।
- सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। साथ ही साथ पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखें।
- कुछ पल रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। सुविधानुसार ऐसा 5-10 बार कर सकते हैं।
ये आसन रोज करेंगे तो गठिया की समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी
Reviewed by Unknown
on
2:31 AM
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